ये फर्टिलाइजर कंपनी दो टुकड़ों में बांटेगी शेयर, रिकॉर्ड डेट भी तय, जानें कब मिलेगा फायदा
फर्टिलाइजर कंपनी रामा फॉस्फेट्स लिमिटेड (RPL) ने शेयरों को बांटने का फैसला किया है. शेयर दो टुकड़ों में बटेंगे. इसके लिए रिकॉर्ड डेट भी तय की गई है. तो क्या है इसका मकसद और किसे मिलेगा फायदा जानें पूरी डिटेल.
Stock Split: भारत की प्रमुख फर्टिलाइजर यानी उर्वरक कंपनी रामा फॉस्फेट्स लिमिटेड (RPL) ने एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने अपने शेयरों के स्प्लिट की घोषणा की है, जिसके तहत मौजूदा 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले शेयर को 5 रुपये के दो शेयरों में बांटा जाएगा. इसके लिए कंपनी ने रिकॉर्ड डेट भी तय कर दी है. इससे जहां छोटे निवेशकों की शेयर में दिलचस्पी बढ़ेगी, वहीं पुराने शेयरधारकों के स्टॉक्स में इजाफा होगा.
स्टॉक स्प्लिट का क्या है मकसद?
कंपनी के इस कदम का मकसद शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ाना, छोटे निवेशकों के लिए शेयर की खरीद को आसान बनाना और कंपनी के शेयरहोल्डर बेस को विस्तार देना है. रामा फॉस्फेट्स का कहना है कि इससे बाजार में उनके शेयरों की मार्केटेबिलिटी भी बढ़ेगी.
क्या है रिकॉर्ड डेट?
कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट 7 फरवरी 2025 तय की है, जिसके बाद ही शेयरधारकों की पात्रता का निर्धारण होगा. यह सब कुछ रामा फॉस्फेट्स के लिए विकास की ओर इशारा कर रहा है. बीएसई पर मंगलवार को रामा फॉस्फेट्स के शेयरों में 0.22% की गिरावट देखने को मिली थी. स्टॉक 206.60 रुपये पर बंद हुए थे, लेकिन स्प्लिट की घोषणा ने शेयरधारकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है, उन्हें उम्मीद है कि शेयरों में उछाल आएगा.
कैसा रहा वित्तीय प्रदर्शन?
रामा फॉस्फेट्स का वित्तीय प्रदर्शन शानदार रहा है. सितंबर 2024 की तिमाही में कंपनी की नेट सेल्स 22.17% बढ़कर 209.46 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 171.45 करोड़ रुपये थी. कंपनी के नेट प्रॉफिट में 361.54% की वृद्धि देखी गई, जो कि पिछले साल के 0.67 करोड़ रुपये से बढ़कर इस साल 3.08 करोड़ रुपये हो गई. EBITDA भी 80.17% बढ़कर 10.90 करोड़ रुपये पहुंच गया.
इसके अलावा, कंपनी ने हाल ही में 9 जनवरी को उदयपुर यूनिट में एक नया प्रोडक्ट, ‘यूरोसुपर (ग्रैन्युलर)’ लॉन्च किया है, जिसकी उत्पादन क्षमता 74000 MTPA है. इसे ‘गिरनार’ ब्रांड के नाम से बाजार में उतारा गया है.
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क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?
स्टॉक स्प्लिट एक कॉर्पोरेट कार्रवाई है, जिसमें कंपनी अपने मौजूदा शेयरों को नए शेयरों में बांटती है. आमतौर पर ये 2:1 या 3:1 के रेशियों में बांटे जाते हैं. ऐसा अक्सर स्टॉक को अधिक किफायती बनाने और निवेशकों की व्यापक श्रेणी के लिए आसान बनाने के लिए किया जाता है. इससे कंपनी के स्टॉक की कीम कम हो जाती है. कंपनियां जब शेयर की कीमत ज्यादा ऊंची हो जाती है तब अक्सर ये कदम उठाती है.