IPO से दौलत की बारिश, QIP में तीन गुना बढ़ोतरी से भारतीय बाजार में हड़कंप

भारतीय कंपनियों ने इस साल रिकॉर्ड धनराशि जुटाई है. कंपनियों ने IPO और QIP में बड़ी बढ़ोतरी, फंड जुटाने के तरीके में भारी बदलाव किए हैं.

IPO से दौलत की बारिश Image Credit: sesame/DigitalVision Vectors/Getty Images

भारतीय कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में IPO और QIP के जरिए 1.57 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह राशि पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 102% ज्यादा है, जब केवल 77,744 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.

IPO से 51,365 करोड़ रुपये जुटाए

IPO (Initial Public Offering) वह प्रक्रिया होती है जिसमें कंपनियां शेयर बाजार में अपने शेयर बेचकर धन जुटाती हैं. इस साल की पहली छमाही में 40 कंपनियों ने IPO के जरिए कुल 51,365 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह पिछले साल की तुलना में लगभग 95% ज्यादा है. यानी पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुना राशि कंपनियों ने IPO से हासिल की है.

QIP से 66,225 करोड़ की उगाही

QIP (Qualified Institutional Placement) एक तरीका होता है जिसमें कंपनियां संस्थागत निवेशकों को अपने शेयर सीधे बेचकर धन जुटाती हैं. इस साल QIP के जरिए 66,225 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा है. पिछले साल इसी अवधि में QIP के जरिए केवल 22,425 करोड़ रुपये जुटाए गए थे जबकि इस साल यह आंकड़ा 195% की बढ़ोतरी के साथ 66,225 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

बीते सालों का डेटा

अगर हम पिछले कुछ सालों का डेटा देखें, तो साफ पता चलता है कि IPO और QIP के माध्यम से फंड जुटाने की प्रवृत्ति में बड़े बदलाव हुए हैं.

आगे की संभावनाएं

जैसा कि इस साल की पहली छमाही में दिखा, भारतीय कंपनियां बाजार से धन जुटाने के लिए IPO और QIP जैसे माध्यमों का तेजी से इस्तेमाल कर रही हैं. अगर यह रुझान जारी रहा तो आने वाले समय में कंपनियां और भी बड़ी मात्रा में धन जुटा सकती हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.