नवरात्र के पहले दिन शेयर बाजार में 11 लाख करोड़ स्वाहा, सेंसेक्स 1700, निफ्टी 500 से ज्यादा टूटा

ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते गुरुवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई. इस गिरावट के चलत नवरात्र के पहले दिन शेयर बाजार में निवेशकों को 11 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है.

सेबी के नए नियमों और पश्चिम एशिया में संघर्ष के चलते बाजार हुआ क्रैश Image Credit:

सितंबर के आखिरी सप्ताह में बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार 8 दिन तक हर दिन ऑल टाइम हाई बनाया. लेकिन, अक्टूबर की शुरुआत बेहद निराशाजनक रही है. 1 अक्टूबर को भी बाजार लाल निशान में बंद हुए. इसके बाद गुरुवार को सेंसेक्स जहां 2.10% यानी 1769.19 अंक की गिरावट के साथ 82,497.10 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 2.12% के साथ 546.80 अंक गिरकर 25,250.10 पर बंद हुआ. बीएसई पर लिस्टेड 4 हजार से ज्यादा कंपनियों के निवेशकों को बाजार की गिरावट से करीब 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

आज बीएसई पर 4,076 कंपनियों के स्टॉक में ट्रेडिंग हुई. इनमें से 2,864 कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट देखी गई. इस दौरान 67 कंपनियों के शेयर एक साल के निचले स्तर पर रहे और 286 कंपनियों के स्टॉक्स लोअर सर्किट में रहे. वहीं, एनएसई में इस दौरान 2,900 कंपनियों के स्टॉक्स में ट्रेडिंग हुई. इनमें से 2,219 कंपनियों के स्टॉक्स में गिरावट आई. 63 कंपनियों के स्टॉक्स सालभर के निचले स्तर आ गए हैं. वहीं, 105 कंपनियों के स्टॉक्स लोअर सर्किट में रहे. सेंसेक्स की 30 कंपनियों के शेयर गुरुवार को 28 लाल निशान में बंद हुए. इसी तरह निफ्टी की 50 में 48 कंपनियां लाल निशान में बंद हुईं. दोनों इंडेक्स में सिर्फ जेएसडब्ल्यू स्टील ही हरे निशान में रही.

क्या कह रहे विशेषज्ञ

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का बाजार की भारी गिरावट को लेकर कहना है कि ईरान की तरफ से इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने के बाद घरेलू बाजार में भारी गिरावट आई. अब इजराइल की जवाबी कार्रवाई से युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह संघर्ष आगे खिंचता है और इसका दायरा बढ़ता है, तो तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं. भारत के संदर्भ में देखें, तो तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ सकती है. इसके साथ ही नायर ने कहा कि बाजार की गिरावट के पीछे एफएंडओ सेगमेंट के लिए नए सेबी नियम और चीनी बाजार में विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ना भी शामिल है.

बुल्स की होगी जोरदार वापसी

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार का कहना है कि बाजार में बुल्स की जोरदार वापसी होगी. फिलहाल, बाजार का ओवरऑल सेंटिमेंट बुलिश से वैरी बुलिश है. उन्होंने कहा कि एक तेजी वाले बाजार की पहचान यह है कि यह चिंताओं की सभी दीवारों को पार करने की क्षमता रखता है. भारतीय बाजार बिल्कुल वैसा ही कर रहा है. बाजार ने मंगलवार को पश्चिम एशिया में बिगड़ती स्थिति को पूरी तरह से नजरअंदाज किया. बुधावार को अमेरिकी बाजार में स्थिरता दिखी, जिससे यह साफ हो जाता है कि निवेशक पश्चिम एशिया के तनाव को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं. हालांकि, अगर इजराइल की तरफ से ईरान में किसी तेल प्रतिष्ठान पर हमला किया जाता है, तो इसका असर तेल के दामों पर जरूर पड़ सकता है. बाकी मोटे तौर पर इस संघर्ष से भारतीय बाजार में कॉर्पोरेट आय पर असर पड़ने की संभावना नहीं है.