जिन बैंकों ने अडानी समूह को दिए हैं कर्ज… वो कर रहे अब रिस्क का रिव्यू, इस बैंक का है सबसे अधिक लोन

अब आठ बैंकों ने कहा है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन की वो समीक्षा करेंगे. इसमें देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल है. सबसे अधिक कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने दिया है.

अडानी समूह को किस बैंक ने दिए हैं सबसे अधिक कर्ज. Image Credit: Getty image

अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने हाल ही में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी समेत सात अन्य लोगों को पर रिश्वतखोरी और फ्रॉड का आरोप लगाया था. इसके बाद अडानी गुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताया है. लेकिन इस बीच अडानी ग्रुप से जुड़े कई गतिविधियां देखने को मिली. अब आठ बैंकों ने कहा है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन की वो समीक्षा करेंगे. इसमें देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल है.

बैंकों ने साथ ही कहा है कि वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या उन्हें नए लोन देते समय अपनी उचित सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि अमेरिका ने चेयरमैन गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है.

ये बैंक भी करेंगे समीक्षा

ईटी के अनुसार, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक और आरबीएल जैसे बैंकों का अडानी समूह में अपेक्षाकृत कम एक्सपोजर है. लेकिन ये बैंक भी इसी तरह की कवायद कर रहे हैं. समीक्षा से समूह के संबंध बैंकों के लोन एप्रोच में कोई बदलाव नहीं आएगा. इस मामले के संबंध में जानकारी रखने वाले एक रेगुलेटरी सोर्स ने कहा कि बैंकिंग सिस्टम के नजरिए से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस समय कोई भी यूनिट समूह के प्रति अधिक रिस्क में नहीं है.

स्टेट बैंक ने दिया है सबसे अधिक लोन

ब्रोकरेज फर्म आईआईएफएल सिक्योरिटीज के अनुसार, भारतीय बैंकों में एसबीआई का अडानी समूह में सबसे बड़ा निवेश है, जिसने 338 अरब रुपये (4 बिलियन डॉलर) का लोन मंजूर किया है.

सूत्रों ने बताया कि एसबीआई अडानी की उन प्रोजेक्ट को लोन देना बंद नहीं करेगा जो पूरी होने वाली हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बैंक लोन वितरित करते समय सावधानी बरतेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समूह द्वारा सभी नियम और शर्तों का पालन किया जा रहा है. कोई भी बैंकर अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहता था क्योंकि वे मध्यस्थ से बात करने के लिए अधिकृत नहीं थे.