SEBI Board Meeting: हाई रिस्क वाले निवेशकों के लिए होगा नया एसेट क्लास की शुरुआत, प्रस्ताव को मिली मंजूरी

सोमवार को SEBI ने मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. साथ ही कई नियमों भी बदलाव किए गए. हाई रिस्क वाले निवेशकों के लिए एक नया एसेट क्लास शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसकी मदद से एसेट कंस्ट्रक्शन में लचीलेपन के मामले में म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो के बीच अंतर को कम किया जा सके.

SEBI प्रमुख माधवी बूच Image Credit: PTI Photos

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सोमवार को हाई रिस्क वाले निवेशकों के लिए एक नया एसेट क्लास शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसकी मदद से एसेट कंस्ट्रक्शन में लचीलेपन के मामले में म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो के बीच अंतर को कम किया जा सके. किसी विशेष एएमसी में नए प्रोडक्ट की सभी निवेश नीतियों में प्रति निवेशक नए एसेट क्लास के लिए न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. बोर्ड मीटिंग के बाद एक सेबी ने कहा कि नए प्रोडक्ट का मकसद अपंजीकृत और अनधिकृत निवेश योजनाओं/संस्थाओं के प्रसार को कम करना है. ताकी वित्तीय जोखिम कम पैदा हो सके.

इस नए एसेट क्लास SIP, हाई रिस्क लेने की क्षमता और निवेशकों की उभरती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए उच्च टिकट आकार जैसी सुविधाओं प्रदान करेगा. उच्च सीमा खुदरा निवेशकों को इस उत्पाद में निवेश करने से रोकेगी. जबकि 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच निवेश योग्य फंड वाले निवेशकों को आकर्षित करेगी. सेबी ने अपने बयान में यह भी कहा कि नए उत्पाद में:

  • कोई लीवरेज नहीं
  • म्यूचुअल फंड के लिए पहले से अनुमत गैर-सूचीबद्ध
  • गैर-रेटेड उपकरणों से परे कोई निवेश नहीं
  • हेजिंग और पुनर्संतुलन के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए AUM के 25 प्रतिशत तक सीमित डेरिवेटिव एक्सपोजर

साथ ही कहा कि नए उत्पाद के तहत पेशकशों को पारंपरिक म्यूचुअल फंड के तहत पेश की जाने वाली योजनाओं से स्पष्ट अंतर बनाए रखने के लिए ‘निवेश रणनीति’ के रूप में संदर्भित किया जाएगा.