SEBI ने BSE की सहायक कंपनी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन पर ठोका 5 करोड़ का जुर्माना

बाजार नियामक SEBI स्टॉक एक्सचेंज BSE की सहायक कंपनी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन (ICCL) पर कार्रवाई की है. सेबी ने इस कंपनी पर 5.05 करोड़ का जुर्माना लगाया है. जानिए क्या है पूरा मामला आखिर क्यों लगा जुर्माना?

सेबी भारतीय शेयर बाजार के लिए नियामक निकाय है Image Credit: Kunal Patil/HT via Getty Images

सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई (BSE) की सब्सिडरी कंपनी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (ICCL) पर कार्रवाई की है. मंगलवार 25 फरवरी को सेबी ने कंपनी के खिलाफ एक आदेश जारी कर 5.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. सेबी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कई नियमों का उल्लंघन किया है. सेबी ने इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन के खिलाफ अपने आदेश में ‘रिव्यू ऑफ ओनरशिप एंड गवर्नेंस ऑफ मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन्स (MIIs)’ पर बिमल जालान कमेटी की नवंबर 2010 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए नियमों के उल्लंघन की बात कही है.

किन नियमों का किया उल्लंघन

सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कई नियमों का उल्लंघन किया है. मिसाल के तौर पर कंपनी ने गवर्निंग बोर्ड के कमेंट्स के सेबी के पास नेटवर्क ऑडिट रिपोर्ट दाखिल की है. इसके साथ सही और लेटेस्ट एसेट इन्वेंटरी मेंटेन नहीं की गई है. इसके अलावा इन्वेंटरी रिपोर्ट में मिशन क्रिटिकल सर्वर्स को सही तरीके से नहीं दिखाया गया है.

क्या हैं मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन्स

सेबी की तरफ से ICCL के उल्लंघनों की जांच करने वाले क्वासी जुडिशियल अथॉरिटी जी रमर (G Ramar) ने ‘रिव्यू ऑफ ओनरशिप एंड गवर्नेंस ऑफ मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन्स (MIIs)’ पर बिमल जालान कमेटी की नवंबर 2010 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि स्टॉक एक्सचेंजेज, डिपॉजिटरीज और क्लियरिंग कॉरपोरेशंस देश के वित्तीय विकास के लिए बेहद जरूरी अंग हैं. सिक्योरिटीज मार्केट के लिए ये सभी क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर काम करते हैं. इन संस्थानों को मिलाकर मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन्स (MIIs) कहा जाता है, जो देश की आर्थिक उन्नति में अहम योगदान देते हैं.

साइबर सिक्योरिटी पर उठाए सवाल

सेबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक क्लियरिंग कॉर्पोरेशन होने के नाते ICCL की यह जिम्मेदारी है कि जिन कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल व्यावसायिक गतिविधियों के लिए होता है उनकी साइबर सुरक्षा के लिए एक प्रभावी और मजबूत ढांचा बनाया जाए. इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि लागू नियमों और सर्कुलरों मुताबिक एक अप-टू-डेट आईटी एसेट लिस्ट तैयार की जाए, जिसमें सभी विवरण हों, ताकि क्रिटिकल एसेट्स की पहचान सुनिश्चित की जा सके.

कोताही बर्दाश्त नहीं

सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि किसी भी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन्स से नियमों के पालन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि स्टॉक एक्सचेंजे, डिपॉजिटरी और क्लियरिंग कॉरपोरेशन की संख्या भले ही सीमित है, लेकिन ये पूरे मार्केट को कवर करते हैं. ऐसे में अगर कोई एक MII नाकाम होता है, तो इसका झटका बहुत व्यापक हो सकता है. इस झटके की तबाही सिक्योरिटीज मार्केट से बाहर यहां तक की दूसरे देशों तक भी फैल सकती है. ऐसे में MII को सिस्टमैटिक रूप से रिस्क मैनेजमेंट का मजबूत ढांचे को बनाए रखने पर जोर देना होगा.