विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए सेबी ने दी नियमों में ढील, डिस्क्लोजर लिमिट को 50 हजार करोड़ तक बढ़ाया

भारत के Share Market में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को रिझाने के लिए सेबी ने नियमों में बदलाव किया है. सोमवार को नए सेबी चीफ तुहित कांत पांडे की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए बड़ा फैसला किया गया है.

सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे Image Credit: money9live

भारत का Share Market विदेशी निवेशकों की बेरुखी के चलते पिछले साल सिंतबर के अपने शीर्ष से करीब 15 फीसदी नीचे आ चुका है. वहीं, विदेशी निवेशकों की तरफ से भारतीी बाजार से बनाई गई दूरी के चलते बाजार में लिक्विडिटी भी घटी है. इस स्थिति को देखते हुए Securities and Exchange Board of India यानी सेबी ने सोमवार 24 मार्च को विदेशी निवेशक और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स के लिए नियमों में ढील का ऐलान किया है.

पहली बैठक में बड़ा फैसला

नए सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे की अध्यक्षता में सोमवार को सेबी की पहली बोर्ड मीटिंग हुई. पहली ही मीटिंग मे पांडे की अध्यक्षता में विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए बड़ा फैसला किया है. भारत के बाजार नियामक ने फॉरेन पोर्टफोलिया इन्वेस्टर्स यानी FPI को ऑनरशिप डिस्क्लोजर नियमों में बड़ी राहत दी है. इन नियमों के तहत डिस्क्लोजर के लिए निवेश सीमा को 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है.

अगस्त 2023 में बनाए नियम

सेबी ने अगस्त 2023 में भारतीय बाजारों में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट यानी AUM रखने वाले FPI के लिए उनके स्वामित्व, आर्थिक हित या नियंत्रण रखने वाली सभी संस्थाओं केे विवरण डिस्क्लोजर अनिवार्य कर दिया था. अगस्त 2023 के एक सर्कुलर में कहा गया कि यह बदलाव असल में उस नियम के संभावित उल्लंघन से बचने के लिए पेश किया गया था, जिसके मुताबिक भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से किए जाने वाले सभी निवेशों को केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी की गई है.

इनके लिए नहीं बदलेंगे नियम

PTI की रिर्पोट के मुताबिक बोर्ड बैठक के बाद पांडे ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि भारत में प्रबंधन के तहत अपनी इक्विटी परिसंपत्तियों का 50% से अधिक हिस्सा रखने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए डिस्क्लोजर से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

एआईएफ के लिए छूट

सेबी ने सोमवार को कैटेगरी II के अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स को अपनी परिसंपत्तियों का बड़ा हिस्सा ‘ए’ या उससे कम क्रेडिट रेटिंग वाली लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज में निवेश करने की अनुमति दी है. इसके अलावा रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स को एक साल का एडवांस लेने की अनुमति दी है, जो पहले तीन महीने की ही थी.

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