SEBI Meeting: निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट से जुड़े नियमों की होगी समीक्षा, कई अहम बदलाव संभव
सोमवार को SEBI ने मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. साथ ही कई नियमों भी बदलाव किए गए. दरअसल निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट से जुड़े नियमों की समीक्षा होगी. इसके नियमों को और आसान बनाया जाएगा. नियमों की समीक्षा की मंजूरी SEBI द्वारा दे दिया गया. जानिए अगर इस समीक्षा को अप्रूवल मिल जाता है तो क्या-क्या अहम बदलाव हो सकता है.
सेबी ने निवेश सलाहकार (IA) और रिसर्च एनालिस्ट (RA) के लिए नए नियमों की मंजूरी दी है. इन नियमों का उद्देश्य व्यापार करने में आसानी लाना है. बोर्ड ने निर्णय लिया है कि निवेश सलाहकार और रिसर्च एनालिस्ट के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में छूट दी जाएगी. अब कुछ विशेष क्षेत्रों में स्नातक डिग्री तक सीमित की जाएगी. साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए अनुभव की कोई जरूरत नहीं होगी. रजिस्ट्रेशन के समय केवल प्रारंभिक आधार प्रमाणपत्र की जरूरत होगी. निवेश सलाहकार (IA) के लिए एनआईएसएम सीरीज एक्सए और एक्सबी की जरूरत होगी. वहीं रिसर्च एनालिस्ट (RA) के लिए एनआईएसएम-सीरीज-XV की आवश्यकता होगी.
ये हो सकते है मुख्य बदलाव
चीजों को आसान बनाने के लिए, आवेदकों को IA और RA दोनों के रूप में पंजीकरण प्राप्त करने की अनुमति होगी. जो व्यक्ति अन्य व्यावसायिक गतिविधियों और रोजगार में लगे हैं, उन्हें अंशकालिक IA या अंशकालिक RA के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति होगी. इसके अलावा, IA को ग्राहकों से फी वसूलने के तरीकों में लचीलापन दिया जाएगा.
IA द्वारा प्रदान की गई निवेश सलाह के दायरे में स्पष्टता लाई गई है. केवल सेबी के नियमों के अंतर्गत आने वाली प्रतिभूतियों से संबंधित सलाह को IA नियमों के दायरे में रखा जाएगा. IA और RA को अपनी सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने की अनुमति होगी. साथ ही आवेदकों को IA और RA दोनों के रूप में रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने की अनुमति होगी.
विनियम, 2014 का करना होगा पालन
IA द्वारा दी गई निवेश सलाह के दायरे में स्पष्टता लाई गई है. सेबी के दायरे में आने वाली प्रतिभूतियों से संबंधित निवेश सलाह अब IA विनियमों के अंतर्गत आएगी. साथ ही RA द्वारा मॉडल पोर्टफोलियो की सिफारिश के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ट्रेडिंग कॉल प्रोवाइडर के लिए नियमों को स्पष्ट किया गया है. वे सेबी (निवेश सलाहकार) विनियम, 2013 के अंदर नहीं आएंगे अब उन्हें SEBI (रिसर्च एनालिस्ट) विनियम, 2014 का पालन करना होगा. इन बदलावों से IA और RA के काम की स्पष्टता बढ़ेगी और उनकी काम करने के तरीकों में सुधार होगा.