स्‍टॉक मार्केट ट्रेडिंग बनेगी और सुरक्षित, Sebi आपके मोबाइल को बनाएगा हथियार

सेबी ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया नियम प्रस्तावित किया है. यह प्रस्ताव "वन UCC - वन डिवाइस - वन सिम" नियम पर आधारित है, जो UPI भुगतान ऐप्स की तरह काम करेगा. इसका मकसद ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को साइबर हमलों, पहचान की चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी से बचाना है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

One UCC-One Device-One SIM क्या है? Image Credit: TV9 Bharatvarsh

One UCC-One Device-One SIM: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में ट्रेडिंग को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए एक नया नियम प्रस्तावित किया है. इस नए सिस्टम के तहत निवेशक सिर्फ रजिस्टर्ड मोबाइल डिवाइस और सिम कार्ड के जरिए ही शेयर बाजार में लेन-देन कर सकेंगे. SEBI का यह प्रस्ताव “वन UCC – वन डिवाइस – वन सिम” नियम पर आधारित है, जो UPI भुगतान ऐप्स की तरह काम करेगा. इसका मकसद ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को साइबर हमलों, पहचान की चोरी और वित्तीय फ्रॉड से बचाना है.

कैसे काम करेगा यह नया सिस्टम?

  • SEBI के इस प्रस्ताव के अनुसार, निवेशकों को अपने यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) को अपने मोबाइल डिवाइस के IMEI नंबर और रजिस्टर्ड सिम कार्ड से लिंक करना होगा. इसके बाद, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर लॉगिन करने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसे फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन अनिवार्य होगा.
  • अगर कोई निवेशक डेस्कटॉप या लैपटॉप के जरिए ट्रेड करना चाहता है, तो उसे QR कोड-आधारित लॉगिन सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा. यह सिस्टम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तरह होगा, जहां एक समय-सीमित और निकटता-आधारित (Proximity-Based) QR कोड स्कैन करके ही लॉगिन किया जा सकेगा.
सोर्स- मनी9 यूट्यूब चैनल

अगर मोबाइल खो जाए या बदलना पड़े तो?

SEBI ने ऐसी स्थितियों के लिए भी एक बैकअप सिस्टम का सुझाव दिया है, जिससे ट्रेडर्स अपने ट्रेडिंग खाते को नए डिवाइस से जोड़कर ट्रेडिंग जारी रख सकें.

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क्यों जरूरी है यह बदलाव?

हाल ही में शेयर बाजार में ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर हैकिंग, फिशिंग अटैक, पहचान की चोरी और धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. कई बार फर्जी ट्रेडिंग अकाउंट बनाकर लोगों को चूना लगाया जाता है. SEBI का मानना है कि इस नए सिस्टम से केवल अथॉराइज्ड व्यक्ति ही अपने खाते से ट्रेडिंग कर पाएंगे. इसका लाभ ये होगा कि किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा.

कब और कैसे लागू होगा यह नियम?

SEBI पहले शीर्ष 10 एलिजबल स्टॉक ब्रोकर्स के साथ इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करेगा. शुरुआत में यह ऑप्शनल होगा, जिससे निवेशकों को नए सिस्टम की आदत डालने का समय मिलेगा. बाद में इसे स्टेपवाइज तरीके से अनिवार्य किया जाएगा.

SEBI जनता की राय मांग रहा

SEBI ने 11 मार्च 2025 तक इस प्रस्ताव पर जनता से सुझाव और राय मांगे हैं. यदि यह नियम लागू होता है, तो इससे भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग अधिक सुरक्षित, सुगम और भरोसेमंद हो जाएगी.