छोटे ट्रेडर्स को बड़े घाटे से बचाएंगे SEBI के ये नए नियम, 20 नवंबर से हुए लागू
SEBI ने छोटे निवेशकों को भारी नुकसान से बचाने के लिए नया नियम लागू कर दिया है. यह नियम 20 नवंबर 2024 यानी आज से प्रभावी है. इंडेक्स ऑप्शन और फ्यूचर्स पर 3 नए नियम छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. आइए आपको पूरी खबर विस्तार से बताते हैं.
SEBI ने छोटे निवेशकों को नुकसान से बचाने के लिए नया नियम लागू कर दिया है. इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स पर सेबी ने नए नियम लागू कर दिए हैं. ये नियम 20 नवंबर 2024 से प्रभावी हो गए हैं. इंडेक्स ऑप्शन और फ्यूचर्स पर 3 नए नियम छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं. आइए, जानते हैं इसका किस निवेशक पर कैसा असर होगा.
हफ्ते में सिर्फ एक इंडेक्स F&O एक्सपायरी
20 नवंबर 2024 से, NSE और BSE पर हफ्ते में सिर्फ एक इंडेक्स की एक्सपायरी होगी. अब केवल निफ्टी 50 की एक्सपायरी गुरुवार को होगी और सेंसेक्स की साप्ताहिक एक्सपायरी शुक्रवार को रहेगी. बाकी सभी 6 इंडेक्स डेरिवेटिव्स की साप्ताहिक एक्सपायरी बंद कर दी जाएगी.
ट्रेडर्स पर क्या होगा असर?
साप्ताहिक एक्सपायरी की संख्या अधिक होने की वजह से मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव होता था. SEBI के इस कदम से यह उतार-चढ़ाव कम होगा. ट्रेडर्स अब साप्ताहिक की बजाय मासिक कॉन्ट्रैक्ट्स की ओर आगे बढ़ेंगे, जो ज्यादा स्थिर होते हैं. इससे छोटे ट्रेडर्स भारी नुकसान से बच सकेंगे.
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एक्सट्रीम लॉस मार्जिन ( ELM )
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स की समाप्ति के दिनों में भारी उतार-चढ़ाव को कम करने के उद्देश्य से की गई है. SEBI ने समाप्ति के दिन शॉर्ट टर्म ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स पर अतिरिक्त ELM पेश किया है. आइए इसे उदाहरण से समझते हैं. अगर किसी ऑप्शन की एक्सपायरी 11 तारीख को है और अगली एक्सपायरी 20 तारीख को, तो 11 तारीख के ऑप्शन पर आपको अतिरिक्त मार्जिन रखना होगा.
ट्रेडर्स पर इसका असर
एक्सपायरी के दिन शॉर्ट कॉन्ट्रैक्ट पर अतिरिक्त ELM लगाने से व्यापारियों को एक्सट्रा मार्जिन देना होगा. इस मार्जिन के कारण सट्टेबाजी की गतिविधियों की कम किया जा सकेगा. जिससे निवेशक नुकसान से बच सकेंगे और बाजार में भारी वोलैटिलिटी को कम किया जा सकेगा.
इंडेक्स डेरिवेटिव्स का कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़ेगा
सेबी ने इंडेक्स डेरिवेटिव्स के कॉन्ट्रैक्ट साइज बढ़ाने का आदेश दिया है. कॉन्ट्रैक्ट साइज के लिए मौजूदा नियम 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच है. नई व्यवस्था के अनुसार कॉन्ट्रैक्ट्स का साइज अब 15 लाख से 20 लाख रुपये के बीच रहेगा. NSE के निफ्टी 50 का लॉट साइज 25 से बढ़ाकर 75 किया जाएगा. वहीं BSE Sensex का लॉट साइज 10 से बढ़ाकर 20 होगा.
निफ्टी बैंक और बैंकएक्स का लॉट साइज दोगुना करके 30 कर दिया जाएगा.
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