‘बाप ऑफ चार्ट’ को सेबी का आदेश, निवेशकों को लौटानी होगी वसूली गई फीस, खाते फ्रीज
निवेशकों पर फिनफ्लुएंसर के बढ़ते प्रभाव के बीच सेबी ने सोशल मीडिया पर बेहद प्रभावशाली 'बाप ऑफ चार्ट' पर कार्रवाई करते हुए कहा कि उसे उन निवेशकों का पैसा वापस करना होगा, जिन्होंने बतौर फीस किसी भी तरीके से उसे यह रकम दी है. इसके साथ ही सेबी ने बाप ऑफ चार्ट प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले नसीरुद्दीन अंसारी और उनके सहयोगियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं.
‘बाप ऑफ चार्ट’ को बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों के 17 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है. पिछले वर्ष बैन किए गए ‘बाप ऑफ चार्ट’ के संचालक फिनफ्लुएंसर नसीरुद्दीन अंसारी और उनके सहयोगियों को सेबी ने शेयर बाजार की किसी भी गतिविधि में शामिल होने और निवेश सलाह देने से प्रतिबंधित कर दिया था.
नसीरुद्दीन को उसकी ट्रेडिंग इनसाइट्स और ऑनलाइन कोर्स के लिए खूब लोकप्रियता मिली. उसने टेलीग्राम सहित तमाम सोशल मीडिया चैनलों के जरिये अपने प्लेटफॉर्म का प्रचार किया और कोर्स व ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी के लिए फीस वसूलता रहा.
सोमवार को सेबी ने ‘बाप ऑफ चार्ट’ के खिलाफ एक और आदेश जारी किया है, जिसके तहत उसे राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी नोटिस को प्रकाशित कराना होगा. इसके साथ ही अपने प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल के लिए निवेशकों से वसुले गए 17 करोड़ रुपये भी वापस करने होंगे.
एस्क्रो अकाउंट में जमा करानी होगी रकम
सेबी ने अंसारी और उनके सहयोगियों को एक एस्क्रो खाता खोलने और उसमें 17 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है. सेबी इस रकम का इस्तेमाल उन निवेशकों व शिकायतकर्ताओं को पैसा वापस करने के लिए करेगा, जिन्होंने अंसारी के प्लेटफॉर्म से फीस देकर सलाह ली थी. निवेशकों को धन का भुगतान केवल बैंक ट्रांसफर के जरिये किया जाएगा. इसमें भुगतान से पहले लाभार्थी की पहचान के लिए ऑडिट ट्रेल्स भी वेरिफाई की जाएगी.
अखबारों में देना होगा इश्तहार
सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि बाप ऑफ चार्ट को दो राष्ट्रीय समाचार पत्रों (एक अंग्रेजी और एक हिंदी) के सभी संस्करणों और व्यापक प्रसार वाले स्थानीय भाषा के एक स्थानीय समाचार पत्र में एक सार्वजनिक नोटिस जारी करना होगा. इसमें रिफंड के लिए दावा करने के तौर-तरीकों का विवरण देना होगा. यह काम आदेश के जारी किए जाने के 15 दिनों के भीतर करना होगा.
खाते फ्रीज करने का आदेश
सेबी पंजीकरण और मान्यता के बिना ‘बाप ऑफ चार्ट’ के जरिये एक एजुकेशनल प्लेटफॉर्म के नाम पर निवेशकों को ट्रेडिंग रिकमंडेशन देने सहित कई काम ऐसे किए जा रहे थे, जो सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हैं. इसी वजह से सेबी ने कार्रवाई करते हुए इस प्लेटफॉर्म और इससे जुड़े सभी संचालकों के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश भी दिया. सेबी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियां निवेशकों को गुमराह करती हैं और वित्तीय बाजारों की अखंडता को कमजोर कर सकती हैं.