जब चल रही थी जांच… तब शेयरखान में इस पद पर थीं अस्मिता पटेल, सेबी के आदेश से खुला कच्चा चिट्ठा
Asmita Patel-Sharekhan: अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (APGST) की निदेशक हैं. सेबी ने अस्मिता पटेल के फ्रॉड को पकड़ लिया और पाया कि वो निवेशकों को बरगला रही थीं.
Asmita Patel-Sharekhan: शी वुल्फ ऑफ स्टॉक मार्केट और ऑप्शंस क्वीन के नाम से चर्चित अस्मिता पटेल को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने घेर लिया है. अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (APGST) की निदेशक हैं और वो दावा करती थीं कि जो भी उनके स्कूल में आकर पढ़ाई करेगा, वो शेयर बाजार से मोटी कमाई कर सकेगा. लेकिन सेबी ने अस्मिता पटेल के फ्रॉड को पकड़ लिया और पाया कि वो निवेशकों को बरगला रही थीं. अब खबर सामने आ रही है कि अस्मिता पटेल तब ज्यादातर समय शेयरखान की अथॉराइज्ड पर्सन (AP) थीं, जब उन पर अवैध निवेश सलाहकार संस्था चलाने के लिए जांच चल रही थी.
54 करोड़ रुपये जब्त
सेबी के नियमों के तहत, ब्रोकर को यह सुनिश्चित करना होता है कि उसका AP नियमों के अनुरूप हो. एक्सचेंजों के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ट्रेडिंग सदस्य (स्टॉक ब्रोकर) अथॉराइज्ड पर्सन (AP) की सभी चूक और कमीशन के लिए जिम्मेदार होता है.
6 फरवरी 2025 के आदेश में सेबी ने एक अंतरिम-सह-कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें APGST के निदेशकों और अन्य संबंधित संस्थाओं से लगभग 54 करोड़ रुपये जब्त किए गए. सेबी ने पाया वे शैक्षिक गतिविधियों की आड़ में एक अवैध इंन्वेस्टमेंट एडवाइजरी चला रहे थे.
अकाउंट्स खुलवाने के लिए कह रही थीं
नियामक ने कहा है कि अस्मिता पटेल छात्रों से ब्रोकरेज के साथ अकाउंट्स खोलने के लिए कह रही थीं. मनीकंट्रोल के अनुसार, शेयरखान ब्रोकरेज ने कहा कि अस्मिता पटेल अब उसके साथ एपी नहीं हैं और वह ऐसे एपी के साथ संबंध नहीं रखता जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं.
जांच में पता चली ये बात
ट्रेडिंग स्कूल के खिलाफ जारी 6 फरवरी के आदेश में ब्रोकरेज की पहचान नहीं की गई है, बल्कि इसे केवल एबीसी लिमिटेड के रूप में नामित किया गया है. मंनीकंट्रोल के अनुसार, शेयरखान के खिलाफ अगस्त 2024 के पहले के आदेश की तारीखों के खिलाफ इस आदेश की तारीखों की जांच में कई ओवरलैप पाए गए. इन ओवरलैप्स से पता चला कि पटेल कम से कम उस समय के लिए ब्रोकरेज की एपी थीं, जब वह जांच के दायरे में थीं.
6 फरवरी के आदेश में 26 अगस्त 2019 और 31 अक्टूबर 2023 के बीच की अवधि की जांच की गई और नोट किया गया कि पटेल 2016 से ब्रोकरेज के एपी थीं. इसमें जनवरी 2024 में एपी के ऑफिस के निरीक्षण के डिटेल्स शामिल थे. इसलिए अस्मिता पटेल 2016 और जनवरी 2024 के बीच इस ब्रोकरेज की एपी थीं.
सेबी अधिकारियों ने किया था निरीक्षण
अगस्त 2024 के आदेश के अनुसार, 9 जनवरी 2024 तक अस्मिता पटेल ब्रोकरेज की एपी थीं. यह आदेश शेयरखान के एपी के ऑपरेशन पर कंट्रोल की जांच के बाद पारित किया गया था और ब्रोकरेज पर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. अगस्त के आदेश में 1 अप्रैल 2022 और 31 दिसंबर 2023 के बीच की अवधि की जांच की गई, लेकिन आदेश में यह भी जिक्र किया गया है कि 9 जनवरी 2024 को पटेल के कार्यालय का सेबी अधिकारियों द्वारा उनके शेयरखान एपी होने के कारण निरीक्षण किया गया था.
क्या कहता है नियम?
नियमों के अनुसार, एक एपी एक ही एक्सचेंज पर एक से अधिक ब्रोकर के साथ संबद्ध नहीं हो सकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एक F&Q के अनुसार, एपी का केवल तभी किसी अन्य स्टॉक ब्रोकर से संबद्ध हो सकता है, जब पहला ब्रोक सभी या स्पेशशल सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए रजिस्टर्ड न हो. शेयरखान इक्विटी डिलीवरी, इंट्राडे, डेरिवेटिव और फ्यूचर्स सहित सभी प्रमुख सेगमेंट में मौजूद है.