इन 5 वजहों से भारतीय बाजार में तबाही, निवेशकों के डूबे 19 लाख करोड़, निवेशक करने लगे त्राहिमाम!
7 मार्च के कारोबारी सत्र में बाजार में ऐसी बिकवाली देखी गई जिससे निवेशक कुछ साल तक नहीं भूल पाएंगे. निफ्टी के सभी सेक्टर में भयंकर बिकवाली देखी गई. जिससे निवेशकों के 19 लाख करोड़ डूब गए. इसके अलावा वोलेटिलिटी इंडेक्स 52 फीसदी बढ़कर 21 के करीब पहुंच गया.

Why Stock Market Crashed Today: 7 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को ऐसा भूचाल आया, जिसने निवेशकों के होश उड़ा दिए. दुनियाभर में मचे ट्रेड वॉर के डर, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के कारण, भारतीय बाजार भी चपेट में आ गया. दिन की शुरुआत में ही सेंसेक्स लगभग 4000 अंक टूट गया और निफ्टी 50 21,750 के नीचे चला गया. जिससे कुछ ही मिनटों में निवेशकों के करीब 19 लाख करोड़ रुपये डूब गए. मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में 10 फीसदी तक की गिरावट आई. वहीं, बाजार में घबराहट का आलम यह रहा कि इंडिया VIX 52 फीसदी उछलकर लगभग 21 तक पहुंच गया. आइए आपको इस गिरावट के पीछे का कारण बताते हैं.
ग्लोबल मार्केट में बिकवाली
अमेरिका, एशिया और यूरोप के बाजारों में भयंकर गिरावट देखी गई. जापान का 9 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया. ताइवान का बाजार 10 फीसदी लुढ़कता दिखा था. इसके अलावा अमेरिका बाजार में शुक्रवार को भारी बिकवाली देखी गई थी. Dow Jones 5.5 फीसदी गिरा, S&P 500 में 5.97 फीसदी की गिरावट रही. वहीं, Nasdaq 5.73 फीसदी टूटता नजर आया था. जिससे बाजार का सेंटीमेंट बिगड़ा और बिकवाली देखी गई.
टैरिफ के असर
ट्रंप प्रशासन ने 180 से ज्यादा देशों पर एकसाथ टैरिफ लागू कर दिए हैं. इसका असर अभी पूरी तरह से बाजार में नहीं दिखा है, जिससे निवेशक सहमे हुए हैं. बाजार के जानकारों का मानना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
आर्थिक विकास दर को लेकर चिंता
ट्रंप के टैरिफ के चलते महंगाई बढ़ सकती है, कंपनियों की कमाई घट सकती है और लोग खर्च करने से कतराएंगे. इसका असर विकास पर भी पड़ेगा. चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 34 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स लगाया है. साथ ही JP Morgan ने ग्लोबल रिशेसन की आशंका 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दी है.
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FIIs की ताबड़तोड़ बिकवाली
मार्च में विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार में वापसी की थी, लेकिन अप्रैल में वे फिर से बिकवाली करने लगे हैं. सिर्फ अप्रैल में अब तक 13,730 करोड़ रुपये की बिकवाली हो चुकी है. यदि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता नहीं होता है तो FIIs आउटफ्लो और तेज हो सकता है.
RBI की मौद्रिक नीति और तिमाही नतीजों पर नजर
9 अप्रैल को RBI की MPC की बैठक है. उम्मीद है कि रिज़र्व बैंक आर्थिक हालात को देखते हुए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. इसके अलावा, इस हफ्ते से मार्च तिमाही (Q4) के नतीजे भी आने शुरू हो रहे हैं. इसका भी असर बाजार पर देखने को मिल रहा है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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