आज शेयर बाजार पर ये फैक्टर रहेंगे हावी, फैसले से पहले रखें इन पर नजर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने पूरी दुनिया को असमंजस में डाल दिया है. इसका प्रभाव भारत में भी दिखाई दे रहा है. पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली जारी है. अब नए सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है, और निवेशकों का ध्यान इस सप्ताह के कई कारकों पर टिका है. इस दौरान कई कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं, जिनका असर आगामी दिनों में बाजार की चाल तय करेगा.
Share Market News: भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दौर जारी है. लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट के साथ शेयर बाजार जून 2024 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने की आशंका और ग्लोबल संकेतों ने भारतीय शेयर बाजार की सेहत पर असर डाला है. इस सप्ताह मासिक ऑटो सेल्स, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ घोषणाएं, रुपया-डॉलर रेट, विदेशी फंड का आउटफ्लो, घरेलू और वैश्विक मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा और ग्लोबल मार्केट संकेत अगले पांच दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे.
सबसे लंबी मासिक गिरावट
एनएसई बेंचमार्क ने पिछले 29 वर्षों (1996 से) में अपनी सबसे लंबी मासिक गिरावट दर्ज की है. निफ्टी 50 और सेंसेक्स क्रमशः 22,124.70 और 73,198.10 के अपने साप्ताहिक निचले स्तर पर बंद हुए, जिससे लगातार आठवें सत्र में गिरावट जारी रही. सेंसेक्स और निफ्टी में 2025 की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट देखी गई और यह लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ बंद हुआ. फरवरी में फ्रंटलाइन इंडेक्स में छह प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि सितंबर के शिखर से अब तक इसमें 15-16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में इस सप्ताह कुछ प्रमुख घटनाक्रम बाजार की दशा-दिशा तय कर सकते हैं.
ऑटो सेल्स पर रहेगी नजर
नए महीने की शुरुआत के साथ, निवेशक और ट्रेडर्स कुछ हाई-फ्रिक्वेंसी डेटा पर नजर रखेंगे. इनमें ऑटो सेल्स और PMI (Purchasing Managers’ Index) के आंकड़े शामिल हैं. भारत का कंपोजिट PMI आउटपुट फरवरी के लिए 5 मार्च, बुधवार को जारी किया जाएगा. यदि PMI आउटपुट अनुमान से बेहतर आता है, तो इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत माना जाएगा.
1 नया IPO, 4 लिस्टिंग
इस सप्ताह मेनबोर्ड सेगमेंट में कोई नया IPO नहीं आएगा. हालांकि, SME सेगमेंट में एक नया इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा. वहीं, इस सप्ताह चार SME IPO की लिस्टिंग होगी.
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FII की गतिविधियों पर रहेगी नजर
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने फरवरी में भारतीय शेयर बाजार से 34,574 करोड़ रुपये की बिकवाली की. कैश सेगमेंट में FII की नेट निकासी 22,011 करोड़ रुपये रही. इस दौरान डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) ने 22,252 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे बाजार को कुछ सहारा मिला. FII द्वारा बिकवाली के पीछे कई कारण हैं.
भारतीय शेयरों की वैल्यूएशन अधिक होने के कारण FII अपने निवेश को चीन जैसे बाजारों में स्थानांतरित कर रहे हैं, जहां वैल्यूएशन अपेक्षाकृत कम है. इसके अलावा, कंपनियों के मुनाफे में अनिश्चितता और ग्लोबल चुनौतियों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है.
ग्लोबल डेटा रहेगा अहम
अगला सप्ताह ग्लोबल मार्केट के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि कुछ प्रमुख मैक्रोइकॉनॉमिक डेटा जारी होंगे. US फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल का भाषण होगा और अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगाए गए नए टैरिफ्स (आयात शुल्क) का असर देखने को मिलेगा. US फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल शुक्रवार को एक भाषण देंगे, जिसमें वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डालेंगे.
इसके अलावा, 3 मार्च को अमेरिका का S&P Global Manufacturing PMI (फरवरी के लिए) जारी होगा, जिसका अनुमान 51.6 है. इसी दिन यूके और चीन का S&P Global Manufacturing PMI भी जारी किया जाएगा, जिनका अनुमान क्रमशः 46.4 और 50.6 है. इन सभी कारकों का बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है.