भारतीय बाजार में लौटी बहार! बीजेपी की जीत समेत ये 5 फैक्टर्स बनें सेंसेक्स-निफ्टी में उछाल की वजह
8 अक्टूबर को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए. हरियााणा में बीजेपी के जीत की ओर बढ़ने से मार्केट में सकारात्मक रुख देखने को मिला. इसके अलावा भी कुछ दूसरे कारणों की वजह से मार्केट हरे निशान पर कारोबार करता नजर आया.
भारतीय शेयर बाजार में छाई कमजोरी के बीच 8 अक्टूबर को सेंसेक्स और निफ्टी में जबदरस्त उछाल देखने को मिला. लाल निशान में गोते लगाने वाला शेयर मार्केट अचानक हरा हो गया. इसकी अहम वजह मंगलवार को घोषित हुए चुनावी नतीजे रहे. हरियाणा में बीजेपी की जीत के चलते मार्केट भी पॉजिटिव हो गया है. दोपहर तक बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्रों में बढ़त के कारण इनमें आधे फीसद की वृद्धि हुई. 8 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 525 अंक बढ़कर 81,601.29 पर पहुंच गया. चुनावी नतीजों के अलावा कुछ और दूसरे कारण भी हैं जिनकी वजह से भारतीय बाजार में बहार देखने को मिली.
विधानसभा चुनाव परिणाम
सत्तारूढ़ भाजपा ने हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है और 49 सीटों पर आगे चल रही है, जिससे लगातार तीसरी बार ऐतिहासिक जीत की संभावना है. एग्जिट पोल और शुरुआती रुझानों में भले ही हरियाणा में कांग्रेस की जीत की उम्मीद थी, लेकिन बाद में बाजी पलट गई और बीजेपी जीत का परचम लहराने वाली है. बीजेपी की हरियाणा जीत से इंवेस्टर्स में भरोसा बढ़ा है, जिसका असर मंगलवार को शेयर बाजार में देखने को मिला.
रेपो दर में कटौती की उम्मीद
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति तीन दिनों की बैठक के बाद 9 अक्टूबर को ब्याज दर की घोषणा करेगी. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 50 बीपीएस की कटौती के बाद भारतीय बाजार भी 9 अक्टूबर को ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहा है. इसी के चलते सभी वित्तीय शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है. बजाज हाउसिंग फाइनेंस से लेकर पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक ऊपर कारोबार करते नजर आए.
चीन में अनिश्चितता
देश की संघर्षरत अर्थव्यवस्था को रीवैम्प करने के उपायों पर बहुप्रतीक्षित घोषणा के बाद चीन में शेयर बाजार की तेजी कम हो गई है. अस्थिर कारोबारी सत्र में हांगकांग का हैंग सेंग सेंसेक्स 7 प्रतिशत से अधिक नीचे गिर गया, जबकि चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक में दोपहर तक लगभग 4.59 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. चीन की घोषणाओं के चलते एशियाई बाजार गिर गए थे जो अब संभलते नजर आ रहे हैं.
ब्रेंट क्रूड में नरमी
मिडिल ईस्ट में बढ़ते राजनीतिक तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में पिछले कुछ समय में तेजी देखने को मिली. ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर स्थिर रहा, जो महीनों में इसका उच्चतम स्तर था, हालांकि अब व्यापक संघर्ष की आशंका कम होने की है, जिसकी वजह से कच्चे तेल की कीमत में कम हो रही है.
नोमुरा इंडिया का सकारात्मक रुख
हाल ही में एफआईआई ने भारतीय बाजार से जमकर निकासी की, इसके बावजूद विश्लेषक भारत के विकास को लेकर आशावादी हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट में नोमुरा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि हाल ही में आई गिरावट भारतीय इक्विटी के लिए लंबे समय तक चलने वाले खराब प्रदर्शन का संकेत है. भारत की संरचनात्मक कहानी आकर्षक बनी हुई है और अगर मूल्यांकन सही स्तरों पर वापस आ जाए तो निवेशक बाजार में फिर से एंट्री करेंगे.