सर्वोच्च शिखर पर बाजार, 10 दिन में 3 हजार अंक से ज्यादा बढ़ा सेंसेक्स, जानें कहां से हो रही पैसों की बरसात
विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार बिकवाली के बावजूद भारतीय बाजार में शानदार तेजी बरकरार है. बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी पिछले एक सप्ताह से हर रोज एक नया शिखर बना रहे हैं. शुक्रवार को भी दोनों बेंचमार्क इंडेक्स सहित कई इंडेक्स अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर बंद हुए हैं. यह बेहद दिलचस्प है कि विदेशी निवेशकों बाजार से पैसे निकाल रहे हैं, फिर भी बाजार ऊपर चढ़ रहा है. जानते हैं बाजार को नए शिखरों पर पहुंचने की ताकत कहां से मिल रही है.
इस पूरे सप्ताह भारत के शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने लगभग हर दिन एक नया सर्वकालिक सवोच्च शिखर बनाया है. शुक्रवार को सप्ताहंत पर सेंसेक्स 1.63% के साथ 1359.51 अंक बढ़कर 84,544.31 पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी भी 1.48% के साथ 375.15 अंक बढ़कर 25,790.95 के सर्वोच्च स्तर पर बंद हुआ है. बीएसई में शुक्रवार को 4,059 कंपनियों स्टॉक में कारोबार हुआ. इनमें से 2,453 के शेयर हरे निशान में रहे. 1,492 के शेयर लाल निशान में बंद हुए. 114 की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ. 265 स्टॉक अपने 1 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए, जबकि 45 स्टॉक साल के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे. आज की जबरदस्त बुलिश रैली के बाद बाजार पूंजीकरण बढ़कर 5.66 लाख करोड़ डॉलर हो गया है.
एनएसई की तरफ से दिए गए डाटा के मुताबिक गुरुवार तक विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई ने सेलर बने हुए हैं. गुरुवार को एफआईआई ने 17,852.32 करोड़ रुपये की खरीद की और 20,399.85 की बिकवाली की गई. इस तरह विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 2,547.53 रुपये निकाले. वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 16,234.69 करोड़ की खरीद की और 14,221.83 करोड़ की बिकवाली की, इस तरह बाजार में घरेलू निवेशकों ने 2,012.86 करोड़ रुपये डाले.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ कहां से आ रहा पैसा
लोटसड्यू के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक अभिषेक बनर्जी कहते हैं कि निफ्टी ने एमएससीआई ईएम में सबसे बड़े देश के रूप में चीन को पीछे छोड़ दिया है. दुनिया में फिलहाल दो युद्ध छिड़े हैं. इसके बाद भी भारतीय बाजार लगातार नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. इससे यह साफ होता जाता है कि भारत एक उभरते हुए देश के बजाय एक सुरक्षित आश्रय बन रहा है. भारत में निवेशक अपने पैसे को सुरक्षित रखने और संघर्ष से दूर रखने के लिए आ रहे हैं. घरेलू निवेशक इस भरोसे को बढ़ा रहे हैं. इसके अलावा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि भारत चालू खाते के लिहाज से 10 महीने के शीर्ष स्तर पर है. इसके साथ ही हमारा विदेशी मुद्रा भंडार पर भी उच्चतम स्तर पर है. इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था किसी भी झटके को झेलने के लिए तैयार है. खासतौर पर भारतीय रिजर्व बैंक के पास वैश्विक बाजारों की तुलना में दरों में कटौती करने की अच्छी खासी क्षमता है. इससे किसी भी तरह की विपरीत स्थिति में बाजार को फिर से गति दी जा सकती है.