स्मॉलकैप फंड्स में मची है भगदड़? 6 महीने में 19 फीसदी तक टूटे, अब जान लें लॉन्ग टर्म की कहानी
आजकल SIP के जरिए फंडों में निवेश करना आम हो गया है. पिछले कुछ सालो में इसका क्रेज सिर चढ़कर बोला है लेकिन हालिया गिरावट ने पूरा खेल बिगाड़ कर रख दिय है. जिससे निवेशक काफी परेशान है. इन सब के बीच कुछ ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि निवेशकों को SIP बंद कर देना चाहिए. जिससे सेंटीमेंट बिगड़ता दिख रहा है. आइए इसे बारीकी के साथ-साथ विस्तार से जानते हैं.

Shoul I close SIP in SmallCap funds: पिछले कुछ महीनों से बाजार में त्राहिमाम वाली स्थिति है. विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली, खराब तिमाही रिजल्ट, खराब ग्लोबल सेंटीमेंट और राजनीतिक अस्थिरता, टेक्निकल व्यू के अलावा हाई वैल्यूएशन ने बाजार की दिशा और दशा को बिगाड़ रखा है. निवेशकों के पोर्टफोलियो लाल निशान में हैं. बाजार में घबड़ाहट का माहौल है. हाई वेटेड शेयर, मिड कैप या फिर स्मॉलकैप सभी के शेयरों का बुरा हाल है. ऐसे में जहां सबसे ज्यादा घबराहट है वो है स्मॉलकैप कंपनी के शेयर. पिछले 3 महीने में बीएसई स्मॉलकैप 13.1 फीसदी गिर चुका है. वहीं पिछले 1 महीने में 9.5 फीसदी की गिरावट देखी गई है.
सबसे ज्यादा स्मॉलकैप इंडेक्स टूटा
- बीते एक हफ्ते में स्मॉलकैप इंडेक्स 3.01 फीसदी टूटा है.
- पिछले एक महीने में इंडेक्स 9.47 फीसदी टूट चुका है.
- पिछले 3 महीने में 13 फीसदी लुढ़का है
- 6 महीने में इंडेक्स 10.98 फीसदी गिरा है.
- हालांकि एक साल में इंडेक्स में 4.56 फीसदी की तेजी रही है.
- सितंबर 2024 से गिरावट का यह सिलसिला देखने को मिल रहा है.
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वैल्यूएशन की चिंता
हालांकि इस गिरावट के बाद भी वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं खत्म नहीं हुई हैं. निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स दोनों ही 2024 के अपने रिकॉर्ड हाई से 15 फीसदी नीचे आए हैं. हालांकि ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार अभी भी निफ्टी मिडकैप एक साल के फारवर्ड अर्निंग के 30 गुने पर और निफ्टी स्मॉलकैप 23 गुने पर ट्रेड हो रहा है.
निफ्टी की गिरावट और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से स्मॉलकैप की हालत खराब
सितंबर 2024 में निफ्टी 50 इंडेक्स 26,277.35 के उच्चतम स्तर पर था. लेकिन इसके बाद से अब तक यह 10 फीसदी तक गिर चुका है, जिससे स्मॉलकैप फंड्स में भारी गिरावट आई है. इसके अलावा विदेशी निवेशकों ने सितंबर से लेकर अभी तक( 10 फरवरी तक) 2,64,808.48 करोड़ रुपये की नेट बिकवाली की है. जिसका असर बाजार पर देखा गया है.

विदेशी निवेशकों की किस महीने कितनी रही नेट बिकवाली
- सितंबर: 12,611.79 करोड़ रुपये ( पॉजिटिव)
- दिसंबर: -114,445.89 करोड़ रुपये
- नवंबर: -45,974.12 करोड़ रुपये
- दिसंबर: -16,982.48 करोड़ रुपये
- जनवरी: -87,374.66 करोड़ रुपये
- फरवरी: -12,643.12 ( 10 फरवरी तक)
स्मॉलकैप फंड में 19 फीसदी तक की गिरावट
स्मॉलकैप स्टॉक में गिरावट के की वजह से स्मॉलकैप फंड के शॉर्ट टर्म के रिटर्न पर असर देखने को मिल रही है. बीते 6 महीने में 25 से ज्यादा स्मॉलकैप फंड हैं, जिनमें 10 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है. कुछ में तो 19 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है. आइए इनके बारे में जानते हैं.

क्या है जानकारों की राय?
7 फरवरी को एक कार्यक्रम में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर एस नरेन ने कहा कि 2007 में शेयर बाजार महंगा था. यहां स्पष्ट था कि निवेशक सतर्क रुख अपनाएंगे. 2008 में लीमैन ब्रदर्स संकट के बाद जब बाजार में भारी गिरावट आई तो यह खरीदारी करने का मौका था. ठीक इसी तरह, कोविड के समय में 2020 में जब मार्केट टूटा तो यह खरीदारी का समय था. नरेन कहते हैं कि आज से ठीक 6 महीने पहले लोगों को यह समझाना कठिन था कि शेयर बाजार से जुड़े निवेश में जोखिम भी होता है. इसीलिए दिवाली के दौरान हमने कहा भी था कि शेयर बाजार या उससे जुड़े निवेश फिक्स्ड डिपॉजिट नहीं हैं.
Small Cap Funds के निवेशक अब क्या करें?
PGIM India Mutual Fund के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अजित मेनन ने कहा कि बाजार हमेशा एक ही दिशा में नहीं चलता. बाजार में वैल्यूएशन हाई थे इसलिए स्मॉल कैप से लेकर लार्ज कैप शेयरों तक में गिरावट आई है. विदेशी और घरेलू निवेशकों ने बिकवाली की है. हालांकि, लॉन्ग टर्म इंवेस्टर्स को ऐसे उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होना चाहिए. स्मॉल कैप फंड हो या मिड कैप या फिर लार्ज कैप- अपने निवेश सलाहकार की राय से इनमें निवेश करने का अभी सही मौका हो सकता है. स्मॉल कैप फंडों के हाई रिटर्न को देखते हुए जिन्होंने कम समय के लिए पैसों का निवेश किया था, उन्हें नुकसान हो सकता है.
अच्छे रिकॉर्ड वाले फंड का रहा बेहतर रिटर्न
अजित मेनन ने कहा कि आप किसी भी अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले फंड को देखेंगे तो पाएंगे कि उसका रिटर्न हमेशा ही बेहतरीन रहा है. भले ही वह स्मॉल कैप फंड ही क्यों न हो. उन्होंने कहा कि इक्विटी एक रिस्की एसेट क्लास है. किसी भी इंवेस्टर को ‘बेहतर रिटर्न मिल रहा है’ के लालच से बचना चाहिए. अगर आपने किसी भी इक्विटी फंड- लार्ज कैप या मिड कैप या फ्लेक्सी कैप या स्मॉल कैप में मान लीजिए 15 साल के लिए निवेश का प्लान किया है तो समय से पहले इक्विटी के निवेश को हाइब्रिड या डेट फंड में ट्रांसफर करते रहें. इससे बाजार में गिरावट आने पर आपको अर्जित रिटर्न का नुकसान नहीं होगा.
म्यूचुअल फंड निवेशक अभी क्या करें?
एस नरेन का मानना है कि म्यूचुअल फंडों में निवेश के लिए सिटमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान एक बेहतरीन जरिया है. ये तब और बेहतर काम करता है जब आप कम वैल्यूएशन वाले एसेट क्लास में निवेश करते हैं. मौजूदा वक्त में स्मॉल और मिड कैप फंडों की तुलना में लार्ज कैप, फ्लेक्सी कैप और हाईब्रिड फंड्स वैल्यू के नजरिये से आकर्षक हैं. निवेश की योजना बनाते समय एसेट अलोकेशन का अनुशासन से पालन करना चाहिए.
5 साल में कैसा रहा SIP रिटर्न
बीते 5 साल में स्मॉलकैप फंडों का SIP रिटर्न देखें तो यह हाई रहा है. 15 से ज्यादा फंड में सालाना 25 फीसदी या इससे ज्यादा रिटर्न मिला है, जिनमें कुछ के नाम हमने दिए हैं.
फंड का नाम | रिटर्न (%) |
---|---|
Quant Small Cap Fund | 35.00 |
Nippon India Small Cap Fund | 30.64 |
Invesco India Smallcap Fund | 29.00 |
Tata Small Cap Fund | 28.00 |
HSBC Small Cap Fund | 28.00 |
Edelweiss Small Cap Fund | 27.76 |
Franklin India Smaller Companies | 27.61 |
LIC MF Small Cap Fund | 27.58 |
Bank of India Small Cap Fund | 27.00 |
HDFC Small Cap Fund | 26.76 |
Canara Robeco Small Cap Fund | 25.67 |
ICICI Pru Smallcap Fund | 25.35 |
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