पाक और बांग्लादेश के GDP से भी ज्यादा गिरा स्टॉक मार्केट, अब तक निवेशकों के डूबे 45 लाख करोड़
2025 में भारतीय शेयर बाजार में ₹45 लाख करोड़ $520 अरब की गिरावट आई, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश की GDP से भी अधिक है. विदेशी निवेशकों की निकासी, कमजोर कमाई, और डॉलर की मजबूती प्रमुख कारण रहे. मिडकैप-स्मॉलकैप 20फीसदी-24फीसदी तक गिरे, लेकिन आगे सुधार की संभावना है. निवेशकों को गिरावट में मजबूत कंपनियों में निवेश का अवसर देखना चाहिए.
Stock Market Crash: इस साल शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है, जिससे 520 अरब डॉलर यानी 45 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यह गिरावट पाकिस्तान $393 अरब और बांग्लादेश $481 अरब के पूरे साल की अनुमानित GDP से भी ज्यादा है. इस कारण का मुख्य कारण विदेशी निवेशको का भारतीय बाजार से पैसा निकालना रहा. इसके अलावा Q3 में कई कंपनियों के वित्त वर्ष 2025 में कमाई का अनुमान घटाने भी एक कारण रहा. इस गिरावट का सबसे ज्यादा प्रभाव मिड कैप 20 फीसदी गिरावट और स्पॉल कैप 24 फीसदी गिरावट में देखने को मिला.
बाजार में गिरावट के मुख्य कारण
विदेशी निवेशक भारत से पूंजी निकालकर जापान और चीन जैसे सस्ते वैल्यूएशन वाले बाजारों में निवेश कर रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार पर दबाव बढ़ रहा है. कमजोर कमाई प्रदर्शन भी एक प्रमुख कारण है, जहां Q3 में 35 Nifty कंपनियों की FY25 की कमाई के अनुमान घटाए गए. इसके अलावा, डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोर हुआ है, जिससे विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ गई. बाजार में थकान (Market Fatigue) भी देखने को मिल रही है, क्योंकि 2024 की तेजी के बाद अब ग्रोथ उम्मीद से कम हो रही है, जिससे Nifty का P/E रेश्यो 21.3 से घटकर 19 पर आ गया है.
मिडकैप और स्मॉलकैप पर ज्यादा असर
Nifty में अब तक 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 20 फीसदी से 24 फीसदी तक गिर चुके हैं. पिछले 20 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, बुल मार्केट के दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स औसतन 27 फीसदी से 29 फीसदी तक गिरते हैं. ऐसे में मौजूदा गिरावट को देखते हुए आगे नुकसान सीमित रहने की संभावना है.
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आने वाले समय में सुधार की संभावनाएं
- Breadth Indicator: Nifty 500 के 13 फीसदी और 5 फीसदी स्टॉक्स 50 और 200-दिन की मूविंग एवरेज से नीचे आ चुके हैं. कई बार पहले ऐसे स्तरों के बाद बाजार में सुधार हुआ है.
- Momentum Indicator: पिछले 20 साल में, जब RSI 30 से नीचे गया, तब बाजार 3 महीने में 20 फीसदी तक उछला. अभी RSI 33 पर है, जो रिकवरी का संकेत दे सकता है.
- डॉलर इंडेक्स 107 से नीचे बना हुआ है, अगर यह और गिरता है तो उभरते बाजारों के लिए फायदेमंद होगा.
- भू-राजनीतिक तनाव में कमी: अगर वैश्विक स्तर पर तनाव कम होता है, तो शेयर बाजार को स्थिरता मिल सकती है.
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