शेयर मार्केट में आज से हो रहे हैं ये 4 बड़े बदलाव, टैक्स से लेकर ट्रांजेक्शन फीस तक बदल जाएगी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने अलग-अलग सेक्टर में ब्रोकेरों के लिए नए ट्रांजेक्शन नियम लागू किए हैं. सरकार ने शेयर बायबैक के लिए एक नई टैक्स व्यवस्था लागू की है.

आज से बदल रहे हैं शेयर मार्केट के ये नियम. Image Credit: Getty image

एक अक्टूबर से शेयर मार्केट में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने अलग-अलग सेक्टर में ब्रोकेरों के लिए नए ट्रांजेक्शन नियम लागू किए हैं.सरकार ने शेयर बायबैक के लिए एक नई टैक्स व्यवस्था लागू की है. इसके अलावा, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बढ़ा दिया गया है और SEBI ने T+2 फ्रेमवर्क पेश करके बोनस शेयर ट्रेडिंग प्रोसेस को आसान और व्यवस्थित बनाया है.

ट्रांजेक्शन फीस

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों ने एक अक्टूबर से प्रभावी कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए नए ट्रांजेक्शन फीस स्ट्रक्चर की घोषणा की है. कैश मार्केट में ट्रेड ट्रांजेक्शन शुल्क अब प्रति लाख कारोबार मूल्य पर 2.97 रुपये है, जो स्लैब-वाइज के अनुसार स्ट्रक्चर के तहत 2.97 से 3.22 रुपये के पिछली रेंज से कम है.

इक्विटी फ्यूचर्स की फीस को प्रति लाख ट्रेडेड वैल्यू पर 1.73 रुपये पर सेट किया गया है. इक्विटी ऑप्शन की फीस अब प्रति लाख प्रीमियम वैल्यू पर फीस 35.03 रुपये होगी. सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शंस के प्रीमियम टर्नओवर पर प्रति करोड़ 3,250 रुपये का एक निश्चित शुल्क लगेगा, जबकि पहले यह 500 से 4,950 रुपये की रेंज में था.

शेयर बायबैक टैक्स नियम

30 सितंबर 2024 तक बायबैक शेयरों से होने वाली कमाई पर शेयरहोल्डर को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता था.टैक्स के नियम कंपनियों पर लागू होते थे. हालांकि, कंपनियों को इसमें छूट मिली हुई थी. चूंकि अब नियमों में बदलाव हो रहा है, तो शेयरहोल्डर के लिए शेयर बायबैक से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी बनेगी. शेयर बायबैक पर होने वाली कमाई को डिविडेंड के रूप में कैटेगराइज किया जाएगा, यह कैपिटल गेन की कैटेगरी में नहीं आएगा.

नया T+2 बोनस शेयर ट्रेडिंग फ्रेमवर्क

भारतीय सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड (SEBI) ने बोनस शेयर ट्रेडिंग की समयसीमा में भी बदलाव किया है, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गई है. बोनस स्कीम के जरिए जारी किए गए शेयर नए T+2 फ्रेमवर्क के तहत रिकॉर्ड डेट के ठीक दो दिन बाद ट्रेडिंग के लिए योग्य होंगे.

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर STT में इजाफा

एक अन्य अहम बदलाव फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में इजाफा है. इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ते डेरिवेटिव बाजार में सट्टा गतिविधि को कम करना है.

ऑप्शन: ऑप्शन की बिक्री पर STT प्रीमियम के 0.0625 फीसदी से बढ़कर 0.1 फीसदी हो जाएगा. उदाहरण के लिए, अगर आप 100 रुपये के प्रीमियम के साथ कोई ऑप्शन बेचते हैं, तो आपको अब 0.10 पैसे का STT देना होगा, जबकि पहले यह 0.0625 पैसे था.

फ्यूचर: फ्यूचर की बिक्री पर STT ट्रेड मूल्य के 0.0125 फीसदी से बढ़कर 0.02 फीसदी हो जाएगा. अगर आप एक लाख रुपये की वैल्यू का कोई फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट बेचते हैं, तो STT पहले के 12.50 रुपये से बढ़कर 20 रुपये हो जाएगा.