शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों ने निकाले 64,156 करोड़, इन सेक्टर्स पर असर; जानें कब थमेगा सिलसिला?
विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं क्योंकि रुपये की कमजोरी, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और कमजोर कमाई के अनुमान के कारण। जनवरी 2025 में अब तक 64,156 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। विदेशी निवेशक अमेरिकी बाजारों में निवेश करना पसंद कर रहे हैं क्योंकि वहां ज्यादा मुनाफा मिल रहा है। भारतीय शेयर बाजार में सतर्कता का माहौल है और विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं।
FPIs Share Market: शेयर बाजार लगातार गिरावट का दौर देख रहा है, इस बीच विदेशी निवेशकों यानी FPIs का भारतीय शेयर बाजार से भारी निकासी जारी है. जनवरी 2025 में अब तक 64,156 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है. इस महीने 24 जनवरी तक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी FPIs ने भारतीय शेयर बाजार से 64,156 करोड़ या 7.44 अरब डॉलर निकाले हैं.
विदेशी निवेशक क्यों निकाल रहे पैसा?
इसके पीछे का मुख्य कारण, भारतीय रुपये का कमजोर होना है, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में बढ़ोतरी है और कमजोर कमाई का अनुमान है, इसलिए विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं.
- भारतीय रुपये की लगातार गिरावट विदेशी निवेशकों पर दबाव डाल रही है, इससे उन्हें निवेश निकालना आसान और जरूरी लग रहा है.
- भारतीय शेयर, हालिया सुधारों के बावजूद, अभी भी महंगे माने जा रहे हैं. इसके अलावा, आर्थिक माहौल और कंपनियों की कमाई के कमजोर रहने की उम्मीद निवेशकों को सतर्क बना रही है.
- अमेरिकी डॉलर मजबूत हो रहा है, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.5% से ऊपर है जो ज्यादा मुनाफा दे रहे हैं, जिससे FPIs भारत के बजाय वहां निवेश करना पसंद कर रहे हैं.
- और वैश्विक स्तर पर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की अनिश्चितता ने भी निवेशकों को जोखिम लेने से रोक रखा है.
दिसंबर 2024 में कैसी थी स्थिति?
दिसंबर 2024 में FPIs ने भारतीय बाजारों में ₹15,446 करोड़ का निवेश किया था लेकिन जनवरी 2025 में वैश्विक और घरेलू परिस्थितियों के कारण यह धारणा बदल गई है.
किन सेक्टर्स पर पड़ा असर?
फाइनेंशियल सेक्टर: इस सेक्टर में FPIs का बड़ा निवेश होता है, इसलिए इसने सबसे ज्यादा असर झेला है.
IT सेक्टर: IT सेक्टर में कुछ खरीदारी देखने को मिली है
डेट (Debt) मार्केट: FPIs ने सिर्फ शेयर बाजार से ही नहीं, बल्कि डेट मार्केट से भी पैसे निकाले हैं, ₹4,399 करोड़ (Debt General Limit से) और ₹5,124 करोड़ (Debt Voluntary Retention Route से).
FPIs के निवेश का ट्रेंड (2022-2024)
- साल 2022 में ₹1.21 लाख करोड़ का नेट आउटफ्लो हुआ क्योंकि ग्लोबल सेंट्रल बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई थी.
- साल 2023 में FPIs ने ₹1.71 लाख करोड़ का निवेश किया था तब भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति थी.
- साल 2024 में निवेश सिर्फ ₹427 करोड़ तक सीमित रहा क्योंकि वैश्विक परिस्थितियों और सतर्कता के चलते निवेश में भारी कमी आई.
एक्सपर्ट की राय: कब तक पैसा निकालते रहेंगे विदेशी निवेशक?
Geojit Financial Services के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट, वीके विजयकुमार ने कहा कि, जब तक डॉलर इंडेक्स 108 से ऊपर है और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.5% से ऊपर रहेगा, तब तक विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से पैसे निकालते रहेंगे. कुल मिलाकर, विदेशी निवेशक फिलहाल भारतीय बाजारों में सतर्क दृष्टिकोण अपनाए हुए हैं.
डिस्क्लेमर– Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.