क्या 2025 में भी शेयर मार्केट में दिखेगी उठा-पटक, कौन से फैक्टर बाजार को देंगे दम?

Stock Market Outlook 2025: शेयर मार्केट में इस साल भारी उठा-पटक देखने को मिला. बाजार को कई मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन जब-जब बड़ी गिरावट आई उसके तुरंत बाद खरीदारी भी देखने को मिली. फिर हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने निवेशकों को वापस मार्केट की तरफ मोड़ा.

2025 में भी कई चुनौतियों का सामना करेगा शेयर बाजार. Image Credit: Getty image

Market Outlook 2025: साल 2024 में भारतीय शेयर मार्केट में रेजिलिएंस देखने को मिला. महंगाई दर और दूसरी तिमाही में कंपनियों की कमजोर इनकम, विदेशी इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (FII) की बिकवाली, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और आम चुनाव जैसी चुनौतियों का सामना मार्केट ने किया. चूंकि साल अब गुजर रहा है. ऐसे में अब सवाल है कि नए साल में शेयर मार्केट का प्रदर्शन कैसा रहेगा और वो कौन से फैक्टर होंगे, जो बाजार पर असर डालेंगे. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने 2025 के लिए शेयर मार्केट का आउटलुक पेश किया है. इसके जरिए समझ लेते हैं कि बाजार नए साल में किस राह पर चलेगा.

नए साल में कैसी रहेगी बाजार की कहानी?

मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, साल 2025 में शेयर मार्केट की कहानी दो हिस्सों में सामने आ सकती है. पहली छमाही में बाजार में कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है, जबकि दूसरी छमाही में रिकवरी नजर आ सकती है. ग्लोबल और घरेलू आर्थिक घटनाओं के कॉम्बिनेशन से भारतीय स्टॉक मार्केट पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है. फरवरी 2025 में रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती कर सकता है. अमेरिका में दर कटौती का ट्रेंड और जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद व्यापार नीति में बदलाव की उम्मीदें बाजार में अस्थिरता ला सकती हैं.

इसके अलावा फरवरी 2025 में देश का आम बजट मार्केट की चाल के लिए अहम संकेत देगा. नाजुक ग्लोबल आर्थिक माहौल और घरेलू स्तर पर मिक्स इकोनॉमिक फैक्टर के चलते, शॉर्ट टर्म में मार्केट कंसोलिडेशन मोड में रह सकता है.

कहां से मिलेगा बाजार को दम?

वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में इनकम में सुस्ती के बाद ग्रामीण खर्च में वृद्धि, शादियों के मौसम में तेजी और सरकारी खर्च में तेजी के चलते दूसरी छमाही में इनकम में सुधार की उम्मीद है. मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, आय में तेजी आएगी और वित्त वर्ष 25-27E में 16 फीसदी CAGR में बढ़ोतरी होगी.

इसके अलावा, हाल ही में बाजार में हुए करेक्शन और वैल्यूएशन में नरमी ने चुनिंदा बॉटम-अप स्टॉक आइडिया जोड़ने का अवसर प्रदान किया है. कॉरपोरेट इंडिया की बैलेंस शीट में मजबूती, प्रॉफिट ग्रोथ की संभावनाओं को देखते हुए हम लॉन्ग टर्म रुझान के बारे में ब्रोकरेज फर्म आशावादी बना हुआ है.

2024 में ऐसी रही बाजार की चाल

तमाम उठा-पटक के बावजूद घरेलू बाजार कैलेंडर वर्ष 2024 को पॉजिटिव नोट पर समाप्त कर रहा है. निफ्टी ने YTD आधार पर 13 फीसदी की बढ़त दर्ज की है, जो पॉजिटिव गेन का लगातार 9वां साल है. साल की पहली छमाही में मजबूत कॉर्पोरेट इनकम, घरेलू फ्लो में उछाल और एक रेजिलिएंट मैक्रो लैंडस्केप देखने को मिला, जिसने सितंबर 2024 में निफ्टी को 26,277 के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा दिया. अगर देखें, तो 2024 में बाजार ने कई जियो-पॉलिटिकल मुद्दों, आम चुनाव और बजट जैसी अहम घटनाओं को संभाला और किसी भी बड़ी गिरावट के तुरंत बाद मजबूत बाय गतिविधियों के साथ इन चुनौतियों का सामना किया.

इस साल आई बड़ी गिरावट

पिछले 2 महीनों में बाजार अपने ऑल टाइम हाई लेवल से 11 फीसदी नीचे आ चुका है. यह गिरावट 2020 में कोविड-19 महामारी के बाद तीसरी बड़ी गिरावट थी, जिसमें घरेलू और ग्लोबल फैक्टर के चलते विदेशी निवेशकों ने बड़े पैमाने पर बिकवाली की. डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद डॉलर इंडेक्स में मजबूती के साथ-साथ मिड-कैप और स्मॉल कैप में इनकम में नरमी और हाई वैल्यूएशन के कारण FII भारतीय मार्केट से बाहर निकल गए.

हालांकि, नवंबर के अंत में राज्य चुनावों (महाराष्ट्र और हरियाणा) में भाजपा की निर्णायक जीत ने बाजार में एक बार फिर से उम्मीद जगा दी. अब निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार अपना एक्सपेंचिर बढ़ाएगी. पॉलिसी में अनुकूल बदलाव होंगे और प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा किया जाएगा. रिजर्व बैंक ने दिसंबर में कैश रिजर्व रेश्यो में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, जिससे सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ने की उम्मीद है.

लार्ज-कैप और मिड-कैप

भारतीय मार्केट में हाल ही में हुए करेक्शन ने लार्ज-कैप शेयरों के वैल्यूएशन पर गहरा चोट किया है, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयर अपने ऐतिहासिक औसत से प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं. मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि हम शॉर्ट टर्म में निवेशकों को सुझाव देते हैं कि वे लार्ज-कैप शेयरों में ‘ओवरवेट’ पोजिशन बनाए रखें. वहीं, चुनिंदा रूप से मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश करें.

  • ओवरवेट: आईटी, हेल्थकेयर, बीएफएसआई, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, इंडस्ट्रियल, रियल एस्टेट और कैपिटल मार्केट, ईएमएस, डिजिटल ई-कॉम और होटल सेक्टर.
  • अंडरवेट: मेटल, एनर्जी और ऑटोमोबाइल.
  • टॉप पिक्स: आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, एलएंडटी, जोमैटो, एनएएम इंडिया, मैनकाइंड, लेमन ट्री, पॉलीकैब, मैक्रोटेक डेवलपर्स और सिरमा एसजीएस.

डिसक्‍लेमर– मनी9 लाइव किसी भी शेयर या म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह नहीं देता है. खबर में सिर्फ शेयर के बारे में जानकारी दी गई है. निवेश से पहले आप किसी वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.