शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले ध्यान दें! 1 अक्टूबर से बदल रहा टैक्स का यह नियम

शेयर से जुड़े टैक्स के नियमों में बदलाव होने जा रहा है और ये शेयरहोल्डर्स के मुनाफे पर सीधा असर डालेगा. शेयरों में पैसा लगाकर कमाई करने वालों को अधिक टैक्स देना होगा. बदलाव बायबैक शेयरों से जुड़ा है.

शेयर बायबैक से जुड़े टैक्स के नियम में हो रहा बदलाव. Image Credit:

भारतीय शेयर मार्केट में पैसे लगाने वालों को एक अक्टूबर से बड़े बदलाव का सामना करना पड़ेगा. शेयर से जुड़े टैक्स के नियमों में बदलाव होने जा रहा है और ये शेयरहोल्डर्स के मुनाफे पर सीधा असर डालेगा. शेयर में पैसा लगाकर कमाई करने वालों को अब अधिक टैक्स देना होगा. बदलाव बायबैक शेयरों से जुड़ा है. आम बजट 2024-25 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शेयर बायबैक टैक्स के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा था. एक अक्टूबर से प्रस्ताव नियम के रूप में तब्दील होकर लागू हो जाएगा. इसका असर आम शेयरहोल्डर्स पर क्या पड़ेगा, आइए समझ लेते हैं.

शेयर बायबैक पर टैक्स

मौजूदा समय तक बायबैक शेयरों से होने वाली कमाई पर शेयरहोल्डर को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता था. टैक्स के नियम कंपनियों पर लागू होते थे. हालांकि, कंपनियों को इसमें छूट मिली हुई थी. चूंकि अब नियमों में बदलाव हो रहा है, तो शेयरहोल्डर के लिए शेयर बायबैक से होने वाली कमाई पर टैक्स की देनदारी बनेगी.

डिविडेंड की तरह देनदारी

ध्यान देने वाली बात यह है कि शेयर बायबैक पर होने वाली कमाई को डिविडेंड के रूप में कैटेगराइज किया जाएगा, यह कैपिटल गेन की कैटेगरी में नहीं आएगा. मतलब यह कि जैसे डिविडेंड से कमाई पर टैक्स लगता है, उसी तरह से अब शेयर बायबैक पर भी टैक्स की देनदारी बनेगी.

समझें कैलकुलेशन

डिविडेंड से होने वासी कमाई को शेयरहोल्डर की कुल इनकम में जोड़ा जाता है. इसके बाद कुल कमाई जिस स्लैब में आती है, उसके अनुसार टैक्स की देनदारी बनती है. शेयर बायबैक को भी इस तरह कुल इनकम में जोड़ा जाएगा और फिर स्लैब के हिसाब से टैक्स की देनदारी तय होगी.

शेयरहोल्डर तीन तरह से शेयर में निवेश कर कमाई करते हैं

आसान भाषा में समझें

शेयरों की कीमतों में उछाल का मतलब यह है कि अगर आपने कोई शेयर 100 रुपये के रेट पर खरीदा है और कुछ समय में वो 200 रुपये पर पहुंच गया. इस तरह आप प्रति शेयर 100 रुपये की कमाई करेंगे.

दूसरी कमाई डिविडेंड से होती है. कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देती हैं. इसी तरह कंपनियां अपने शेयरों को बायबैक करती हैं. यानी कंपनियां अपने शेयर खुद खरीदती हैं. इस स्थिति में कंपनियां शेयरों के मौजूदा भाव से अधिक कीमत ऑफर करती हैं.

मान लीजिए कि किसी कंपनी का शेयर 500 रुपये पर है और अब कंपनी शेयर को बायबैक करना चाहती है. ऐसे में कंपनी ने बायबैक की कीमत 600 रुपये तय की. इस तरह शेयरहोल्डर को 100 रुपये प्रति शेयर की अतिरिक्त कमाई हो गई. इसी बायबैक की कमाई पर अब टैक्स दी देनदारी बनेगी.