दो टुकड़ों में बंटेगे इस आभूषण कंपनी के स्टॉक, शेयरों में आया 6 फीसदी से ज्यादा का उछाल
आभूषण कंपनी सेनको गोल्ड लिमिटेड अपने स्टॉक्स को स्प्लिट करेगी. कंपनी ने शुक्रवार को अपने इक्विटी शेयरों को दो टुकड़ों में बांटने का ऐलान किया था, इसी के बाद से इस स्टॉक में तेजी देखने को मिल रही है.
Stock Split: अपने बकाया शेयरों को बढ़ाने और शेयरधारकों के लिए स्टॉक को ज्यादा किफायती बनाकर ट्रेडिंग लिक्विडिटी में सुधार के लिए मशहूर आभूषण कंपनी सेनको गोल्ड लिमिटेड अपने स्टॉक्स को स्प्लिट करेगी. कंपनी ने शुक्रवार को अपने इक्विटी शेयरों को दो टुकड़ों में बांटने का ऐलान किया था, इसी के बाद से इस स्टॉक में तेजी देखने को मिल रही है. सोमवार को मार्केट के खुलते ही सेनको गोल्ड के शेयरों में 6 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखने को मिला, नतीजतन ये बढ़कर 1,517 रुपए तक पहुंंच गया.
सेनको गोल्ड अपने शेयरों को आईपीओ मूल्य से 350% उछाल के बाद बांटेगी, लिहाजा सोमवार को निवेशकों की नजरें इस पर बनी रहेंगी. कंपनी स्टॉक स्प्लिट के तहत एक इक्विटी शेयर को, जिसका वर्तमान मूल्य 10 रुपए है इसे दो इक्विटी शेयरों में बांटेगी, जिनकी कीमत 5 रुपए होगी. इसके अलावा कंपनी ने शुक्रवार को आयोजित बोर्ड मीटिंग में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) या विभिन्न तरीकों से 500 करोड़ रुए तक की धनराशि जुटाने को भी मंजूरी दी. बता दें सेनको गोल्ड जुलाई 2023 में सार्वजनिक हुआ था, इसके बाद से यह पहला ऐसा मौका है जब कंपनी अपने स्टॉक स्प्लिट करेगी.
सेनको गोल्ड ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि शेयर विभाजन के लिए रिकॉर्ड तिथि शेयरधारकों की मंजूरी लेने के बाद निर्धारित की जाएगी. उसी दौरान नियत समय में इसकी जानकारी साझा की जाएगी. कंपनी शेयरधारकों से मंजूरी मिलने के तीन महीने के भीतर स्टॉक स्प्लिट की प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश करेगी.
कैसा है कंपनी के स्टॉक का प्रदर्शन?
सेनको गोल्ड के शेयर एक समय अपने आईपीओ मूल्य 317 रुपए से लगभग 5 गुना ऊपर थे. इसका ऑल टाइम हाई 1,544 रुपए है, बीच में इसमें गिरावट आई, हालांकि इसके बावजूद शेयर अभी भी अपने आईपीओ मूल्य से 350% ऊपर है. बता दें सेनको गोल्ड के शेयर शुक्रवार को 1% बढ़कर 1,429 रुपए पर बंद हुए थे. शेयर 1,544 रुपए के अपने हाई से 7% नीचे है.
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?
स्टॉक स्प्लिट के तहत मौजूदा शेयरों को ज्यादा स्टॉक्स में बांटा जाता है. इससे मौजूदा शेयरधारकों के पास शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी निवेशक के पास X कंपनी के 10 शेयर हैं और स्टॉक को 2:1 में बांटा गया तो निवेशक के पास स्टॉक स्प्ल्टि के बाद कंपनी के 20 शेयर होंगे. हालांकि इससे कंपनी के मार्केट कैपिटल पर कोई असर नहीं पड़ता, इसमें महज शेयर की कीमत कम हो जाती है. ऐसा होने से नए निवेशक शेयर को खरीदने में दिलचस्पी दिखाते हैं, इससे कंपनी की लिक्विडिटी की समस्या हल होती है.