Sun TV, भारत इलेक्ट्रॉनिक जैसे 14 शेयर, डिविडेंड-बोनस और स्टॉक स्प्लिट के लिए तैयार; जानें रिकॉर्ड डेट

Dividend, Bonus Share, Stock Split: यहां 14 कंपनियों के शेयरों पर नजर रखने की सलाह दी जा रही है क्योंकि वे डिविडेंड, स्टॉक स्प्लिट, या बोनस शेयर जारी करने वाली हैं. Sun TV, HUDCO, और Bharat Electronics जैसे शेयरों पर निवेशकों की नजर है.

इन 14 शेयरों पर रखें नजर Image Credit: Money9live/Canva

Share Market: नए हफ्ते की शुरुआत हो चुकी है और 14 ऐसी कंपनियों के स्टॉक्स हैं जिन पर नजर रखना बेहद जरूरी है. आने वाले समय में इन 14 कंपनियों के स्टॉक या तो डिविडेंड देंगे या स्टॉक स्प्लिट होगा या फिर बोनस शेयर जारी किए जाएंगे. सोमवार, 10 मार्च 2025 को कई बड़ी कंपनियों के शेयर एक्स-डिविडेंड (Ex-Dividend) पर ट्रेड करेंगे, इनमें Sun TV, HUDCO, Bharat Electronics और Brisk Technovision जैसे कई शेयर शामिल हैं.

क्या है एक्स डिविडेंड: जब कोई कंपनी अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देने का ऐलान करती है, तो उस स्टॉक का भाव एक्स-डिविडेंड डेट पर एडजस्ट हो जाता है. इस दिन से, जो भी निवेशक शेयर खरीदते हैं, उन्हें आगामी डिविडेंड का फायदा नहीं मिलता. डिविडेंड केवल उन निवेशकों को मिलता है, जिनका नाम रिकॉर्ड डेट तक कंपनी के शेयरधारकों की लिस्ट में दर्ज होता है.

डिविडेंड वाले स्टॉक्स

मंगलवार, 11 मार्च 2025: Bharat Electronics Ltd: 1.5 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड

गुरुवार, 13 मार्च 2025-

बोनस इश्यू जारी करेंगी ये कंपनियां

बोनस इश्यू क्या होता है: जब कोई कंपनी अपने मौजूदा निवेशकों को मुफ्त में अतिरिक्त शेयर जारी करती है, तो इसे बोनस इश्यू कहते हैं. उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक के पास 10 शेयर हैं और कंपनी 1:2 का बोनस जारी करती है, तो उसे 5 अतिरिक्त शेयर मिलेंगे.

स्टॉक स्प्लिट करने वाली कंपनियां

स्टॉक स्प्लिट क्या होता है: जब कोई कंपनी अपने शेयरों की संख्या बढ़ाने के लिए एक शेयर को छोटे भागों में बांटती है, तो इसे स्टॉक स्प्लिट कहते हैं. इससे शेयर की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन कुल मूल्य वही रहता है. उदाहरण के लिए, 2:1 के स्टॉक स्प्लिट में, अगर किसी निवेशक के पास पहले 1 शेयर था, तो स्प्लिट के बाद उसके पास 2 शेयर हो जाएंगे, लेकिन कुल कीमत में कोई बदलाव नहीं होगा.

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इसके अलावा:

राइट्स इश्यू में कंपनियां अपने मौजूदा निवेशकों को नए शेयर खरीदने का अधिकार देती हैं, आमतौर पर बाजार मूल्य से कम दाम पर. वहीं स्पिन-ऑफ में कोई कंपनी अपने किसी डिवीजन को अलग करके एक नई स्वतंत्र कंपनी बनाती है. इससे शेयरधारकों को नई कंपनी के शेयर मिल सकते हैं.

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