Tata के 15 शेयरों ने झकझोर दिया समूह का मार्केट कैप, डूब गए 2.56 लाख करोड़, TCS और टाटा मोटर्स का सबसे बुरा हाल
Tata Group Share MCap: टाटा समूह के दर्जनभर शेयरों की गिरावट से मार्केट कैप को बड़ा झटका लगा है. समूह के मार्केट कैप में भारी गिरावट देखने को मिली. टाटा मोटर्स और टीसीएस जैसी कंपनियों ने बड़ा झटका दिया है. हालांकि, कुछ कंपनियों के मार्केट कैप में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है.

Tata Group Share MCap: शेयर मार्केट में आई गिरावट ने दिग्गज कंपनियों के मार्केट कैप को झकझोर दिया. मार्केट की इस फिसलन ने टाटा समूह के मार्केट कैप ने भी गोता लगाया है. टाटा समूह के शेयरों का ज्वाइंट मार्केट कैपिटलाइजेशन में वित्त वर्ष 2025 में 2.56 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. टाटा समूह के शेयरों का मार्केट का कैप वित्त वर्ष 24 के 30 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 25 में करीब 27.46 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
TCS और टाटा मोटर्स का बुरा हाल
इस गिरावट के पीछे समूह की कंपनियों के 15 शेयरों का हाथ है, जिनके मार्केट कैप में साल-दर-साल (YoY) आधार पर गिरावट देखी गई है. इसमें सबसे बड़ी निराशा भारत की आईटी दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) है, जिसके बाद टाटा मोटर्स और टाइटन हैं.
इन कंपनियों के शेयर भी टूटे
टाटा सूमह के स्थिर शेयरों में से जिनके मार्केट कैप में गिरावट देखी गई है, उनमें आर्टसन, ऑटोमोबाइल कॉर्पोरेशन ऑफ गोवा, ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग्स एंड असेंबलीज, रैलिस इंडिया, टाटा केमिकल्स, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा एलेक्सी, टाटा पावर कंपनी, टाटा टेक्नोलॉजीज और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) शामिल हैं.
क्यों टूटा TCS का शेयर?
TCS के निवेशकों ने वित्त वर्ष 25 में अपनी संपत्ति में 1.39 लाख करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की है. जबकि चालू वित्त वर्ष के 19 मार्च तक इसके शेयर की कीमत में लगभग 10 फीसदी की गिरावट आई है. इसके प्रदर्शन ने पिछले 1 साल में महंगाई दर और अमेरिकी आर्थिक विकास से संबंधित चिंताओं के कारण आईटी शेयरों में देखी गई ओवरऑल कमजोरी को ट्रैक किया है, जिसके चलते अब तक अमेरिकी कंपनियों द्वारा कम डिस्क्रेशनरी खर्च हुआ है.
ऐस इक्विटी डेटा के अनुसार, कंपनी की चौथी तिमाही की आय अप्रैल में आने वाली है, लेकिन वित्त वर्ष 25 की 9वें महीने में नेट प्रॉफिट में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि सेल्स में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई.
टाटा मोटर्स ने कितना गंवाया MCap?
वित्त वर्ष 2025 में टाटा मोटर्स के शेयर की कीमत में 31 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, जिससे इसका 79,027 करोड़ रुपये का मार्केट कैप साफ हो गया. भारत की सबसे बड़ी ईवी कार बनाने वाली कंपनी सुस्त आय, सेक्टोरल बाधाओं, चीन और यूके में JLR की कमजोर मांग से परेशान थी. सबसे हालिया टेस्ला फैक्टर ने भी घरेलू निवेश को प्रभावित किया है. कंपनी की 9 महीने की बिक्री में 1.6 फीसदी और नेट प्रॉफिट में 5.2 फीससदी की वृद्धि हुई. टाटा मोटर्स निफ्टी के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में था.
टाइटन और टाटा केमिकल्स
टाइटन का मार्केट कैप कंजम्पशन संकट और सुस्त सेंटीमेंट के चलते गिरा. इसके मार्केट कैप में 64,755 करोड़ रुपये की गिरावट आई. इसके अलावा, टाटा समूह की अन्य कंपनियां जैसे टाटा केमिकल्स, ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग्स, टीआरएफ, रैलिस इंडिया और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के पास शेयर की कीमतों को सहारा देने के लिए इनकम नहीं थी.
इन कंपनियों का मार्केट कैप बढ़ा
वित्त वर्ष 25 में टाटा समूह की जिन कंपनियों के मार्केट कैप में बढ़ोतरी देखी गई, उस लिस्ट में टाटा स्टील, नेल्को, बनारस होटल्स, ओरिएंटल होटल्स, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन, तेजस नेटवर्क्स, द इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL), ट्रेंट और वोल्टास शामिल हैं.
ट्रेंट 32 फीसदी शेयर प्राइस में उछाल के साथ 45,483 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की. वहीं, इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) की 37 फीसदी की रैली ने मार्केट कैप में 31,330 करोड़ रुपये जोड़ा. इस बीच, वोल्टास का मार्केट कैप 12,934 करोड़ रुपये बढ़ा है. तीनों स्टॉक लगातार तिमाहियों के लिए मजबूत आय की दम पर चढ़े हैं.
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