TATA Motors के निवेशकों के लिए खतरे की घंटी, ब्रोकरेज फर्म ने कहा- ‘अभी बेच कर निकलो’
टाटा मोटर्स के शेयर को लेकर निवेशकों के लिए नई जानकारी सामने आई है. हालिया रिपोर्ट्स और बाजार के संकेत इस ऑटोमोबाइल दिग्गज के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. आखिर क्या है इस गिरावट की असली वजह? जानिए पूरी रिपोर्ट.
देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स को लेकर ब्रोकरेज फर्म InCred Equities ने ताजा रिपोर्ट जारी की है. कंपनी की आर्थिक स्थिति, बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव के कारण मार्केट एक्सपर्ट ने कंपनी के शेयर बेचने की सलाह दी है. खासतौर पर JLR (जगुआर लैंड रोवर) से जुड़ी चुनौतियां, घरेलू बाजार में कमजोर मांग और इलेक्ट्रिक सेगमेंट में बढ़ते कंपटीशन को लेकर निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
कमजोर तिमाही नतीजों ने बढ़ाई चिंता
टाटा मोटर्स के लिए तीसरी तिमाही का प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहा. रिपोर्ट के अनुसार, 3QFY25 में कंपनी का कंसोलिडेटेड EBITDA 14 फीसदी घटकर 155 रुपये अरब रहा, जो ब्रोकरेज अनुमानों से 11 फीसदी कम था. इसका मुख्य कारण JLR का कमजोर प्रदर्शन बताया जा रहा है, जिसका EBITDA 11 फीसदी घटकर 1,060 मिलियन यूरो रह गया. यह आंकड़ा अनुमानों से 18% कम है. हालांकि, शुद्ध लाभ में तिमाही आधार पर 82% की वृद्धि हुई, लेकिन यह अभी भी साल-दर-साल आधार पर 28 फीसदी गिरा है.
ब्रोकरेज ने टाटा मोटर्स का टारगेट प्राइस घटाया
शुक्रवार को कंपनी के शेयर 2.76 फीसदी के बढ़ोतरी के साथ 716.10 रुपये पहुंच कर बंद हुए. ऐसे में ब्रोकरेज फर्म InCred Equities ने टाटा मोटर्स के लिए अपना Target Price घटाकर 661 रुपये कर दिया है. यह आंकड़ा 8 फीसदी के गिरावट को दर्शाता है. साथ ही, स्टॉक पर REDUCE रेटिंग बनाए रखी है, जिसका मतलब है कि निवेशकों को फिलहाल इसमें खरीदारी से बचने की सलाह दी जा रही है.
ब्रोकरेज का मानना है कि JLR की बिक्री में गिरावट, चीन में मांग में कमी और वैश्विक बाजार में चुनौतियों के कारण कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार की संभावना फिलहाल सीमित है. विशेषज्ञों का मानना है कि टाटा मोटर्स के शेयरों में पिछले कुछ महीनों में 40% तक गिरावट देखने को मिली है, जिससे इसका मूल्यांकन 10 साल के औसत स्तर पर आ गया है. हालांकि, कंपनी की मौजूदा वित्तीय स्थिति और बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए, शेयर में तुरंत किसी बड़े उछाल की संभावना नहीं दिख रही है.
मैनेजमेंट का अनुमान और आगे की रणनीति
कंपनी ने अपनी FY25F गाइडेंस को हल्का डाउनग्रेड किया है, जिसमें JLR की बिक्री में 3% की कटौती और RoCE लक्ष्य को 200bp घटाकर 20% किया गया है. हालांकि, टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि FY26 में रेंज रोवर EV लॉन्च से वॉल्यूम में बढ़ोतरी होगी, लेकिन वारंटी और एमिशन कंप्लायंस से जुड़े खर्च कंपनी की शॉर्ट-टर्म प्रॉफिटेबिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों और छोटे ट्रकों के सेगमेंट में कंपटीशन बढ़ रहा है जिससे टाटा मोटर्स को चुनौती मिल सकती है. इसके अलावा, ग्लोबल ट्रेड में टैरिफ से जुड़े मुद्दे और अस्थिर करेंसी मूवमेंट भी कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं.
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