आज शेयर बाजार की चाल तय कर सकते हैं ये 4 फैक्टर्स, क्या विदेशी निवेशक फिर झकझोरेंगे मार्केट?

Indian Stock Market: सेंसेक्स और निफ्टी 3 मार्च को सत्र की शुरुआत में आधे फीसदी से अधिक की गिरावट से उबरते हुए लगभग फ्लैट बंद हुआ. जबकि ऑयल एंड गैस और फाइनेंशियल शेयरों में कमजोरी ने निफ्टी को प्रभावित किया. हालांकि, आईटी शेयरों ने कुछ सपोर्ट जरूर दिया. वैश्विक व्यापार चिंताओं के कारण निवेशकों के सेंटीमेंट में उतार-चढ़ाव बना रहा.

शेयर मार्केट की कैसी रहेगी चाल. Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार मुश्किल दौर से गुजर रहा है. लगातार पांचवें महीने गिरावट के साथ निफ्टी 50 ने 29 साल (1996 के बाद से) में अपनी सबसे लंबी मंथली गिरावट दर्ज की है. सोमवार 3 मार्च को 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 112 अंक फिसलकर 73,085.94 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 5 अंक गिरकर 22,119.30 पर बंद हुआ. बीएसई-लिस्टे फर्मों का मार्केट कैप 27 सितंबर के 478 लाख करोड़ रुपये से घटकर लगभग 384 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिससे निवेशकों को पांच महीनों में लगभग 94 ​​लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. मंगलवार यानी आज शेयर मार्केट की चाल कैसी रहेगी, ये कुछ फैक्टर्स पर निभर करेगा.

ट्रंप का टैरिफ

ग्लोबल ट्रेडर्स की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर टिकी हुई है. ट्रंप के घोषित टैरिफ कनाडा, मैक्सिको और चीन पर मंगलवार से लागू होंगे. ट्रंप ने फरवरी में अपने देश के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों कनाडा और मैक्सिको से इंपोर्ट पर टैरिफ लगाने के फैसले को कुछ समय के लिए टाल दिया था. लेकिन टैरिफ अब 4 मार्च से लागू होने जा रहे हैं.

25 फीसदी तक की टैरिफ से ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग सामग्री जैसे प्रमुख सेक्टर्स की सप्लाई चेन में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे कंज्यूमर प्राइस में बढ़ोतरी का खतरा है. ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने की भी धमकी दी है, जिससे पहले से लागू 10 फीसदी की अतिरिक्त दर और बढ़ जाएगी.

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क्रूड ऑयल

सोमवार को तेल की कीमतों में मामूली बदलाव हुआ, क्योंकि निवेशक रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं. ब्रेंट क्रूड 31 सेंट या 0.43 फीसदी बढ़कर 1403 GMT तक 73.12 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 25 सेंट या 0.36 प्रतिशत बढ़कर 70.01 डॉलर पर पहुंच गया. सोमवार के कारोबार में ऑयल एंड गैस इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई थी.

ट्रंप प्रशासन के पारस्परिक टैरिफ भी इस सेक्टर पर मंडरा रहे हैं. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के नोट में कहा गया था कि भारत इस प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिका से एनर्जी आयात बढ़ाने पर विचार कर सकता है, लेकिन इसके कीमत अधिक चुकानी पड़ सकती है.

कोटक की रिपोर्ट में कहा गया है कि तेल से जुड़ी कीमतों के खिलाफ मध्यस्थता के कारण अमेरिका से भारत का एलएनजी आयात बढ़ा है. इसलिए अगर अमेरिका पारस्परिक टैरिफ के लिए दबाव डालता है, तो भारत अधिक मात्रा में अमेरिकी तेल खरीदने की तरफ बढ़ सकता है. इसलिए अभी इस सेक्टर में एक अनिश्चितता के चलते दबाव है.

इंडिया VIX

बाजार की अनुमानित अस्थिरता को मापने वाला इंडिया VIX 14 के स्तर से नीचे बना रहा, जो कि बुल्स के लिए एक कंफर्टेबल जोन है. यह 1.06 फीसदी गिरकर 13.76 जोन में आ गया.

विदेशी निवेशकों पर नजर

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फरवरी में लगातार पांचवें महीने अपनी बिकवाली जारी रखी है. बढ़ते वैश्विक व्यापार तनाव और आकर्षक अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के बीच सेंकडरी मार्केट से 41,748 करोड़ रुपये की निकासी की है. फरवरी के आखिरी कारोबारी सत्र के दौरान, उन्होंने 11,639 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जो 2025 में अब तक की सबसे बड़ी सिंगल-डे बिकवाली थी और 14 जनवरी को बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया, जब उन्होंने एक्सचेंजों से 8,132 करोड़ रुपये निकाले थे. इसलिए मंगलवार को भी इनकी चाल पर नजर रहेगी.