कच्चे तेल की मांग के अनुमानों में इस साल की सबसे बड़ी कटौती, जानें OPEC ने ऐसा क्यों किया?
ओपेक (OPEC) ने 2024 के लिए वैश्विक तेल मांग के अनुमान में सबसे गहरी कटौती की है. जिसमें 2024 के लिए अनुमान को 210,000 बैरल प्रति दिन घटाकर 1.6 मिलियन बैरल प्रति दिन कर दिया गया है. ओपेक ने जुलाई से अब तक 27 फीसदी की कटौती की है. आइए पूरी खबर विस्तार से जानते हैं.
ओपेक (OPEC) ने 2024 के लिए वैश्विक तेल मांग के अनुमान में बड़ी कटौती की है. इस वर्ष और अगले वर्ष के लिए तेल मांग की वृद्धि की अनुमान में यह पांचवी बार कमी की है, जिसमें 2024 के लिए अनुमान को 210,000 बैरल प्रति दिन घटाकर 1.6 मिलियन बैरल प्रति दिन कर दिया गया है. ओपेक ने जुलाई से अब तक 27 फीसदी की कमी की है.
पिछले हफ्ते, ओपेक+ एलायंस में शामिल सऊदी अरब और रूस ने कच्चे तेल का उत्पादन दोबारा शुरू करने की योजना को फिर से टाल दिया. अब पहली वृद्धि अप्रैल से होगी. जो पहले जनवरी में होनी थी. तेल की कीमतें जुलाई की शुरुआत से 17 फीसदी गिर चुकी है. खासकर चीन. ब्रेंट फ्यूचर्स 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास ट्रेड कर रहे हैं, जो सऊदी अरब और कई अन्य देशों के लिए सरकारी खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
ओपेक सचिवालय ने क्या कहा?
ओपेक के वियना स्थित सचिवालय ने कहा कि यह फैसला तीसरे तिमाही के लिए प्राप्त हालिया निराशाजनक आंकड़ों के आधार पर किया गया है, जिसमें OECD अमेरिका और OECD एशिया-प्रशांत के लिए घटाई गई अनुमानों को भी शामिल किया गया है.
ओपेक की वृद्धि के अनुमानों में आई कमी
ओपेक की अपेक्षित वृद्धि के अनुमानों में कमी देखी गई है. विभिन्न अन्य तेल उद्योग के अनुमानों से काफी ऊंचे हैं. ओपेक के 2024 के लिए अनुमान, मॉर्गन स्टेनली और गोल्डमैन सैक्स के अनुमानों से लगभग दोगुने और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुमानों से काफी ऊपर हैं. ओपेक को अधिक बढ़ती हुई मांग की उम्मीद है लेकिन इस साल की वास्तविक खपत के आंकड़े इसके विपरीत हैं.
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ओपेक ने 2025 के लिए तेल वृद्धि अनुमान को घटाया
OPEC ने इस वर्ष तेल खपत का औसत अनुमान 103.82 मिलियन बैरल प्रति दिन लगाया है. इसके अलावा, 2025 के लिए वृद्धि के अनुमान को 90,000 बैरल प्रति दिन घटाकर 1.4 मिलियन बैरल प्रति दिन कर दिया गया है. इस साल तेल मांग के सही आंकड़े पेश करने में विफलता ओपेक के लंबे अवधि के अनुमान पर भी संदेह पैदा करती है. ओपेक+ ने 2022 से उत्पादन रोक रखा है, जिससे सरप्लस से बच सकें. साथ ही कीमतों को स्थिर रखा जा सके.