इन 6 वजहों से निवेशकों के डूब गए 12 लाख करोड़, शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे
आज शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली है और निवेशकों के 12 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. सेंसेक्स 1,049 अंक या 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 76,330 पर बंद हुआ, और निफ्टी 345.55 अंक या 1.47 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 23,085.95 पर बंद हुआ. इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण रहे हैं.
Share Market Today:आज शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिली. एक तरफ सेंसेक्स में 1049 अंकों की गिरावट के साथ 76,330 के स्तर बंद हुआ वहीं निफ्टी भी 345.55 अंक या 1.47 फीसदी गिरकर साथ 23,085.95 पर बंद हुआ. इस बीच बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 12 लाख करोड़ रुपये घट गया है. सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली. आखिर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई? आइए जानते हैं इसके प्रमुख कारण.
कच्चे तेल की कीमतों तीन महीने के निचले स्तर पर
सोमवार को कच्चे तेल की कीमतें तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. तेल की कीमतों में तेजी का कारण अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत में रूसी तेल की सप्लाई पर असर पड़ना है. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 1.35 डॉलर या 1.69 फीसदी बढ़कर 81.11 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 27 अगस्त की कीमत 81.44 डॉलर के बाद सबसे ज्यादा है. यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 1.40 डॉलर या 1.83 फीसदी बढ़कर 77.97 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 8 अक्टूबर की कीमत 78.32 डॉलर के बाद सबसे ज्यादा है.
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रुपया ऑल टाइम लो
डॉलर के मुकाबले रुपये में भी आज भारी गिरावट दर्ज की गई. रुपया 55 पैसे गिरकर 86.59 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गया. करेंसी एक्सचेंज रेट और विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने की प्रक्रिया (फॉरेन आउटफ्लो) आपस में जुड़े होते हैं. अगर डॉलर की मांग बढ़ती है और विदेशी निवेशक पैसे निकालते हैं, तो रुपये पर दबाव बढ़ता है.
आर्थिक सुस्ती (Economic Slowdown)
वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार के एडवांस अनुमानों में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की पुष्टि हुई है. वित्त वर्ष 2024 के 8.2 फीसदी ग्रोथ के मुकाबले वित्त वर्ष 2025 में यह 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. यह वित्त मंत्रालय के 6.5 फीसदी और आरबीआई के 6.6 फीसदी के अनुमानों से भी कम है.
बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी
10 वर्षीय यूएस ट्रेजरी यील्ड 4.79 फीसदी पर पहुंच गई है, जो अप्रैल के बाद से सबसे ज्यादा है. यह बढ़ोतरी मजबूत जॉब डेटा और सर्विस सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन के कारण हुई है. जनवरी में फेडरल रिजर्व द्वारा रेट को स्थिर रखने की उम्मीद है, जिससे डॉलर और मजबूत होगा और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी होगी.
अमेरिका में जॉब ग्रोथ
शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में नौकरियों की संख्या में उम्मीद से ज्यादा बढ़ोतरी हुई. दिसंबर में 2.56 लाख नई नौकरियां जुड़ीं, जबकि अनुमान 1.65 लाख का था. इससे यूएस में बेरोजगारी दर घटकर 4.1 फीसदी हो गई है. इस डेटा के कारण 2025 में रेट कट की संभावना कम हो गई है, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश कम हुआ है.
विदेशी निवेशकों का मोहभंग
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार भारतीय बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. जनवरी 2025 के पहले 10 दिनों में ही उन्होंने 22,259 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं.