शेयर बाजार में हाहाकार! देश की टॉप 10 कंपनियों का ₹4.75 लाख करोड़ स्वाहा, कहीं आप भी तो नहीं लगा रहे इनमें पैसा?

अगर आप निवेशक हैं तो फिलहाल सतर्कता बरतें और किसी भी नई निवेश योजना में कदम बढ़ाने से पहले अच्छे से विचार करें. बाजार की मौजूदा स्थिति अनिश्चित है..

भारतीय बाजार धड़ाम Image Credit: D-Keine/E+/Getty Images

बीते हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट के कारण देश की टॉप 10 में से 9 कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 4.75 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैप खो दिया. सबसे बड़ा झटका रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक को लगा है. रिलायंस का मार्केट कैप 1.88 लाख करोड़ रुपये घटकर 18.66 लाख करोड़ रुपये रह गया है जबकि एचडीएफसी बैंक का मार्केट वैल्यू सितंबर में 13.37 लाख करोड़ रुपए था जो अक्टूबर के पहले सप्ताह में 73,294 करोड़ रुपये की कमी के साथ 12.64 लाख करोड़ रुपये पर आ गया.

क्यों हुआ इतना बड़ा नुकसान?

विशेषज्ञों के मुताबिक, शेयर बाजार में यह गिरावट पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और विदेशी निवेशकों की ओर से पूंजी की निकासी के कारण हुई है. जियोपॉलिटिकल टेंशन ने निवेशकों के विश्वास को कमजोर किया जिस कारण से बाजार में ज्यादा बिकवाली देखी गई है.

भारती एयरटेल और ICICI बैंक की हालत भी खराब

इस सूची में भारती एयरटेल और ICICI बैंक भी शामिल हैं, जिनके शेयरों में क्रमशः 53,800 करोड़ रुपये और 47,527 करोड़ रुपये की गिरावट आई. एयरटेल का शेयर मूल्य 5.45% गिरा, वहीं ICICI बैंक के शेयरों में 5.16% की कमी देखी गई.

LIC, HUL, TCS जैसी बड़ी कंपनियों को भी नुकसान झेलना पड़ा. LIC का मार्केट कैप 25,525 करोड़ रुपये घटा, जबकि TCS ने 21,690 करोड़ रुपये का मार्केट कैप गंवाया. टेक और बैंकिंग सेक्टर में निवेशक सावधानी बरत रहे हैं.ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि FPIs की ओर सेखासकर बैंकिंग स्टॉक्स में सबसे ज्यादा बिकवाली देखी गई है. एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में अगर बाजार की स्थिति में सुधार नहीं होता तो ये नुकसान और भी बढ़ सकता है.

SBI और Infosys ने कुछ हद तक संभाला

इस गिरावट के बीच, SBI और Infosys ने बाकी कंपनियो के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया. SBI का मार्केट कैप केवल 3,579 करोड़ रुपये कम हुआ जबकि Infosys ने 4,547 करोड़ रुपये की मामूली गिरावट के साथ खुद को स्थिर बनाए रखा. एक्सपर्ट का मानना है कि त्योहारी सीजन के कारण कुछ क्षेत्रों में मांग बढ़ने की संभावना है जिससे बाजार को सहारा मिल सकता है.