TRUMP 2.0 से बाजार में दहशत! 20 जनवरी से निवेशकों के 21.27 लाख करोड़ रुपये डूबे, कब थमेगी गिरावट?
Market Crash Sensex-Nifty Down: TRUMP 2.0 का दौर शुरू होते ही भारत सहित दुनियाभर के ज्यादातर शेयर बाजारों में दहशत का माहौल बना हुआ है. भारतीय बाजार में ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से लगातार गिरावट आ रही है. 20 जनवरी से 27 जनवरी के बीच BSE में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 21.27 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है. जानते हैं, ये गिरावट का दौर कब थमेगा?
Market Crash Sensex-Nifty Down: TRUMP 2.0 पिछले सप्ताह सोमवार 20 जनवरी को दूसरी बार अमेरिकी के राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर छेड़ दिया है. इसकी वजह से ग्लोबल कैपिटल मार्केट में भारी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. भारतीय शेयर बाजार में TRUMP 2.0 के एक सप्ताह के दौरान भारी गिरावट आ चुकी है. BSE में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में इस दौरान 21.27 लाख करोड़ की गिरावट आ चुकी है.
पिछले सोमवार 20 जनवरी को BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4,31,58,729.31 करोड़ रुपये रहा, जो इस सोमवार 27 जनवरी को घटकर 4,10,31,199.48 करोड़ रुपये रहा. इस तरह ट्रंप के आगमन के सात दिन के भीतर भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के पोर्टफोलियो में 21,27,529.83 करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है.
वहीं, सितंबर में अपने ऑल टाइम हाई से बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 10,612.08 अंक टूट चुका है. सेंसेक्स का ऑल टाइम हाई 85,978.25 अंक है. वहीं, पिछले एक साल का निचला स्तर 70,234.43 अंक है. इस तरह बाजार ऑल टाइम हाई से 10,612.08 टूटकर 75,366.17 अंक पर आ गया है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है] “दुनियाभर में कंपनियों की घटती आय और बाजार को लेकर कमजोर होती भावना के चलते सभी क्षेत्रों में व्यापक बिकवाली हो रही है. भारतीय बाजार में भी वैश्विक बाजारों की तरह गिरापट आई है. इसके अलावा ओवर वैल्यूएशन के चलते मिड और स्मॉल कैप की जोरदार पिटाई हो रही है.
खराब नतीजे भी बनीं वजह
भारतीय बाजार में गिरावट के पीछे TRUMP 2.0 की वजह से वैश्विक अनिश्चितता के माहौल के साथ ही कंपनियों के कमजोर नतीजे भी वजह हैं. खासतौर पर ऐसी मिडकैप कंपनियों से निवेशकों का भरोसा उठ रहा है, जिनका वैल्युएशन अपने पीयर ग्रुप की कंपनियों की तुलना में काफी ज्यादा है. अब FY25Q3 के नतीजों में भी इन कंपनियों ने निवेशकों को निराश किया है. ऐसे में निवेशक इन कंपनियों से निकलकर लार्ज कैप और अल्टरनेटिव एसेट्स में इन्वेस्ट कर रहे हैं.
अर्थव्यवस्था की कमजोरी
भारतीय बाजार में गिरावट के कारणों में अर्थव्यवस्था की कमजोरी भी शामिल है. सरकारी आंकड़ों और तमाम रेटिंग एजेंसियों में व्यक्त किए गए अनुमानों के मुताबिक जीडीपी विकास दर में कमी आ सकती है. इसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भी भारतीय बाजार से निकल रहे हैं. इसके अलावा निवेशक BUDGET 2025 को लेकर भी सतर्क हैं, इस वजह से अपने फंड गोल्ड और बॉन्ड जैसे सिक्योर एसेट्स में पार्क कर रहे हैं.
FOMC बैठक का इंजतार
ट्रंप की तरफ से लगातार ब्याज दरों में भारी कटौती की बात कही जा रही है. इसी सप्ताह अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक सिमिति की बैठक होनी है. इस बैठक पर भी दुनियाभर के निवेशकों की नजर है. इसके अलावा भारत में केंद्रीय बजट आना है. ये दो अहम घटनाएं हैं, जिनके नतीजों के आधार पर आगे चलकर भारतीय बाजार का रुख तय होगा.
कब थमेगी गिरावट
बाजार में गिरावट के बड़े कारण अनिश्चिता, कमजोर मांग और खराब नतीजे हैं. ट्रंप प्रशासन और मोदी सरकार के बीच अमेरिका और भारत के कारोबारी संबंधों को लेकर जैसे-जैसे स्थिति साफ होगी, भारतीय कंपनियों को टैरिफ वॉर की अनिश्चितता से राहत मिलेगी. इसके साथ ही बजट में अगर सरकार खपत बढ़ाने के लिए कैपेक्स बढ़ाने पर जोर देती है, तो इसका असर भी अगली तिमाही तक देखने को मिल सकता है.