कौन है Gensol Engineering का मालिक, जिस पर चला सेबी का डंडा; धराशायी हो गए शेयर
EPC कंपनी Gensol Engineering के शेयरों में पिछले कुछ महीने से लाल रंग दिखाई दे रहा है. कंपनी के शेयरों में खूब गिरावट आई है. जेनसोल इंजीनियरिंग अपने 52वीक हाई स्तर से 89 फीसदी के करीब टूट चुका है. क्या आप जानते हैं आखिर इस कंपनी का माालिक कौन है इसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है?
Owner of Gensol Engineering: इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग को लेकर सुर्खियों की लाइन लगी हुई है. कंपनी के शेयर पिछले एक महीने में काफी टूट चुके हैं. इससे इतर, सोमवार यानी 14 अप्रैल को कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट करने की घोषणा भी की थी लेकिन मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अपनी ओर से जारी एक अंतरिम आदेश के जरिये उसपर रोक लगा दी. इसके अलावा सेबी ने कंपनी के प्रमोटर्स को अगले आदेश तक शेयर बाजार से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने से भी प्रतिबंध कर दिया है.
सेबी ने अपने आदेश में बताया कि यह कार्रवाई हेराफेरी करने और फंड डायवर्जन का पता लगाने की वजह से की गई है. लेकिन क्या आपको पता है कि इस कंपनी का मालिक कौन है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि कंपनी के शेयर अर्श से फर्श पर आ गए हैं. आइए बताते हैं.
किसके हाथ में है कंपनी का बागडोर?
Gensol Engineering की शुरुआत दो भाई- अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने की थी. अनमोल कंपनी के चेयरमैन, मैनेजिंग डायरेक्टर और को-फाउंडर की भूमिका में है. वहीं पुनीत सिंह जग्गी के पास कंपनी के फुल टाइम डायरेक्टर की जिम्मेदारी है. अनमोल पिछले 15 से अधिक सालों से क्लीन एनर्जी के सेक्टर में काम कर रहे हैं. अपने इस लंबे एक्सपीरिएंस के दम पर वह जेनसोल को भी नई बुलंदियों पर ले जाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
जेनसोल के अलावा, अनमोल इलेक्ट्रिक वाहन (EV) राइड हेलिंग और चार्जिंग इंफ्रा कंपनी Bluesmart के भी सह-संस्थापक रहे हैं. कंपनी पिछले कई सालों से सोलर प्लांट बनाती है. इसी के साथ वह टर्नकी EPC प्रोजेक्ट्स और OEM सर्विसेज भई देती है. कंपनी अब ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी स्टोरेज जैसे भविष्य के प्रोजेक्ट्स को लेकर भी काफी उत्साहित है तैयार है.
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क्यों गिरने लगे कंपनी के शेयर?
कंपनी दरअसल पिछले कुछ समय से बिगड़ती आर्थिक स्थिति और कर्ज चुकाने में दिक्कत जैसे परिस्थिति से लड़ रही है. इसके बाद कई क्रेडिट एजेंसियों ने जेनसोल को लेकर अपनी रेटिंग भी घटा दी है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जेनसोल के ऊपर बकाया भुगतान का दबाव बढ़ रहा है जिससे कंपनी की हालत काफी बिगड़ रही है. पिछले महीने मार्च में रेटिंग एजेंसी CARE ने कंपनी को टर्म लोन की अदायगी में देरी के लिए डिफॉल्टर कैटेगरी में डाल दी थी. इसी के साथ एजेंसी ने उसपर धोखाधड़ी का भी आरोप लगा दिया था. इसके बाद से ही कंपनी के शेयर बुरी तरह पिट रहे हैं.
क्या है शेयरों का हाल?
Gensol Engineering के शेयर पिछले दो महीने से टूट रहे हैं. कंपनी के शेयर अपने 52 वीक हाई से अब तक तकरीबन 89 फीसदी तक टूट गए हैं. जेनसोल के शेयर मंगलवार, 15 अप्रैल को 2.65 फीसदी की गिरावट के साथ 129.14 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. यानी एक दिन में कंपनी के निवेशकों को प्रति शेयर 3.52 रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं पिछले 3 महीने में कंपनी ने अपने निवेशकों को 82.59 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है. इस दौरान कंपनी के निवेशकों को 612 रुपये का नुकसान हुआ है. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप 506 करोड़ रुपये है.