FPI Returns: 5 दिन में कर डाली 13,363 करोड़ की नेट खरीदारी, बाजार में फूंक डाली जान!
एफपीआई की वापसी भारतीय शेयर बाजार के लिए एक पॉजिटिव साइन है. रुपये की मजबूती, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, शेयरों के सस्ते वैल्यूएशन, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट और फेडरल रिजर्व की नीतियों ने मिलकर विदेशी निवेशकों की धारणा बदली है. इससे विदेशी निवेशकों के साथ-साथ घरेलू निवेशकों ने भी खरीदारी शुरू की है.
FPI Returns in stock market: सितंबर के महीने के बाद से बाजार में विदेशी निवेशकों ने पैसे निकालने शुरु कर दिए थे. अब कुछ कारोबारी दिनों से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अब भारतीय शेयर बाजार की ओर लौट रहे हैं. हाल के महीनों में उन्होंने भारी मात्रा में पैसे निकाले थे, जिससे बाजार दबाव में आ गया था. अब मार्च 2025 में उनकी धारणा बदली और पिछले 5 दिन में 13,363 करोड़ की नेट खरीदारी कर डाली. इस बदलाव के पीछे कई महत्वपूर्ण वजह हैं, जो भारतीय शेयर बाजार में नई जान फूंक रहे हैं.
विदेशी निवेशकों की खरीदारी/ बिकवाली ( करोड़ रुपये में ) | |||
तारीख | खरीदारी | बिकवाली | नेट खरीदारी/ बिकवाली |
24-Mar-2025 | 15,777.73 | 12,721.97 | 3,055.76 |
21-Mar-2025 | 49,892.65 | 42,422.29 | 7,470.36 |
20-Mar-2025 | 16,328.06 | 13,088.92 | 3,239.14 |
19-Mar-2025 | 15,718.73 | 16,815.23 | -1,096.50 |
18-Mar-2025 | 15,709.88 | 15,015.31 | 694.57 |
भारतीय रुपये की मजबूती
हाल के दिनों में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ है. 24 मार्च 2025 को रुपया 85.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. मार्च के महीनों में 39 पैसे बढ़ चुका है. जिसका असर बाजार पर देखा जा रहा है.
अमेरिकी डॉलर में गिरावट
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) जनवरी 2025 में 110.4 था, जो मार्च में गिरकर 104.1 हो गया है. डॉलर की कमजोरी ने भारतीय बाजार के लिए पॉजिटिव असर डाल रहा है.
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वैल्यूएशन का कम होना
बाजार जानकारों के मुताबिक बीते कुछ महीनों में भारतीय शेयर बाजार में स्टॉक्स हाई वैल्यूएशन पर चले गए थे. जब बाजार में बिकवाली बढी तो फंडामेंटली स्ट्रांग शेयर भी काफी गिर गए. इसके अलावा निफ्टी 50 का P/E रेशियो 21 मार्च 2025 तक घटकर 20.8 हो गया, जिससे निवेशकों ने बाजार की तरफ रुख किया.
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट
अमेरिका में 10 और 20 साल के ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड जनवरी में अपने रिकॉर्ड हाई पर थे, जिससे निवेशकों को वहां अधिक रिटर्न मिल रहा था. लेकिन अब इन बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है, जिससे विदेशी निवेशक अधिक रिटर्न वाले उभरते बाजारों में पैसा लगाने लगे हैं.
फेडरल रिजर्व की नीतियां
फेडरल रिजर्व ने हाल ही में 2025 में दो बार ब्याज दरें घटाने का संकेत दिया है. जब अमेरिका में ब्याज दरें कम होती हैं तो इस कंडीशन में निवेशकों के लिए उभरते बाजारों में निवेश करना अधिक फायदेमंद होता है. इसी वजह से एफपीआई ने भारतीय बाजार में निवेश बढ़ाया है.
भारतीय शेयर बाजार को मिला बड़ा सहारा
एफपीआई की वापसी से भारतीय शेयर बाजार को मजबूती मिली है. मार्च 2025 में निफ्टी 50 और सेंसेक्स में 7 फीसदी की तेजी आई, जो जून 2024 के बाद सबसे बड़ी मंथली बढ़त है. इसके अलावा, निफ्टी मिडकैप 100 ने 10 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने 11 फीसदी की छलांग लगाई, जिससे छोटे और मझोले शेयरों में भी पॉजिटिव देखी जा रही है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.