अमेरिकी शेयर बाजार में तबाही, 4 लाख करोड़ डॉलर डूबे, मंदी का डर!
सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई. जिससे निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने निवेशकों को डरा दिया है. इसका असर शेयर बाजार पर पड़ा है. इसका परिणाम ये हुआ है कि बीते एक महीने में निवेशकों के 4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
US stock market crashed: अमेरिकी बाजारों में बीते कारोबारी दिन भयंकर बिकवाली देखी गई. जिसके बाद निवेशकों में डर का माहौल बना हुआ है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने शेयर बाजार को हिला कर रख दिया है. दरअसल, सप्ताह के अंत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों ने आशंका जताई कि ट्रेड वॉर आर्थिक मंदी को जन्म दे सकता है. इसकी वजह राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए जा रहे व्यापक टैरिफ और दूसरे देशों की ओर से उठाए जा रहे जवाबी कदम हैं, जिससे S&P 500 इंडेक्स में केवल एक महीने के अंदर 4 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
शेयर बाजार में ऐतिहासिक गिरावट
सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली.
- S&P 500 इंडेक्स 2.7 फीसदी गिरा, जो इस साल की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट थी.
- डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 2.1 फीसदी गिरा, यानी करीब 900 अंकों की गिरावट देखी गई.
- नैस्डैक इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट आई, जो सितंबर 2022 के बाद की सबसे खराब गिरावट रही.
- S&P 500 अब अपने फरवरी 2025 के रिकॉर्ड हाई से 8.6 फीसदी नीचे आ चुका है.
- टेस्ला के शेयरों में 15 फीसदी की भारी गिरावट हुई, जिससे इसका मार्केट वैल्यू 125 अरब डॉलर कम हो गया.
- एप्पल और एनवीडिया के शेयर 5 फीसदी टूट गए.
टैरिफ विवाद बना चिंता का कारण
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों – कनाडा, मैक्सिको और चीन – के खिलाफ टैरिफ लगा दिए हैं. इससे व्यापारियों और निवेशकों में भारी अनिश्चितता बनी हुई है. लाजार्ड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ पीटर ओर्स्ज़ाग के अनुसार, “लोग चीन के साथ तनाव को तो समझ सकते हैं, लेकिन कनाडा, मैक्सिको और यूरोप पर टैरिफ समझ से परे है. अगर यह विवाद जल्दी सुलझा नहीं, तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है.”
कंपनियों पर बुरा असर
टैरिफ विवाद और आर्थिक अनिश्चितता के कारण कई बड़ी कंपनियां प्रभावित हुई हैं.
- डेल्टा एयरलाइंस ने अपने पहली तिमाही के मुनाफे का अनुमान आधा कर दिया, जिससे उसके शेयर 14 फीसदी गिर गए.
- टेक कंपनियों पर असर – बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा असर टेक्नोलॉजी कंपनियों पर पड़ा. एप्पल, एनवीडिया, और टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली.
- क्रिप्टोकरेंसी भी प्रभावित – बिटकॉइन की कीमत में भी 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
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निवेशकों में डर, हेज फंड्स ने घटाई हिस्सेदारी
निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है. ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद जो तेजी बाजार में आई थी, वह अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है.
- हेज फंड्स यानी बड़ी निवेश कंपनियाें ने शुक्रवार को अपनी हिस्सेदारी घटा दी, जो दो साल में सबसे बड़ी बिक्री रही.
- निवेशक अब कम जोखिम वाले शेयरों की ओर रुख कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, यूटिलिटी सेक्टर में 1 फीसदी की बढ़त देखी गई, क्योंकि इसे अपेक्षाकृत सुरक्षित निवेश माना जाता है.
- अमेरिकी बॉन्ड्स में भी निवेश बढ़ा है, जिससे 10 साल की ट्रेजरी यील्ड 4.22 फीसदी तक गिर गई.
क्या बाजार और नीचे जाएगा?
बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर यह गिरावट जारी रहती है, तो बाजार और 5.5 फीसदी तक गिर सकता है. S&P 500 इंडेक्स का वैल्यूएशन अभी भी हिस्टोरिकल एवरेज से ऊपर बना हुआ है. डॉयचे बैंक के विश्लेषकों का कहना है कि अगर निवेशकों की इक्विटी पोजीशन और घटती है, तो S&P 500 का स्तर 5,300 अंक तक गिर सकता है. इसके अलावा Cboe Volatility Index, जिसे “डर का सूचकांक” भी कहा जाता है, सोमवार को अगस्त के बाद अपने हाई लेवल पर पहुंच गया.
आगे क्या?
- अमेरिका में सरकारी खर्च को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे बाजार में और ज्यादा घबराहट बढ़ सकती है.
- कोलंबिया थ्रेडनीडल इन्वेस्टमेंट्स के एडवर्ड अल-हुसैनी के अनुसार, प्रशासन अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि उसे राजनीतिक और आर्थिक रूप से जीत कैसे दर्ज करनी है. जब तक वे इसे नहीं समझेंगे, तब तक हर हफ्ते बाजार में ऐसे ही उतार-चढ़ाव आते रहेंगे.
अगर आने वाले हफ्तों में ट्रंप प्रशासन टैरिफ विवाद को नहीं सुलझाता है, तो निवेशकों को और भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है.
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