Sensex-Nifty Fall: क्रैश हुआ शेयर बाजार… मिनटों में डूबे 6 लाख करोड़, आखिर क्या है वजह

आने वाले अमेरिकी प्रशासन की ओर से संभावित पॉलिसी और टैरिफ में बदलाव के सेंटीमेंट में निवेशकों को सर्तक कर दिया है. यूएस फेड ने बीती रात ब्याज दर में कटौती की है. अमेरिका से आई खबर ने आज भारतीय स्टॉक मार्केट को झकझोर दिया है.

शेयर मार्केट में भारी गिरावट. Image Credit: Getty image

Why Share Market Crash Today: भारतीय शेयर मार्केट में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के लगातार तीसरी बार ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इसके बाद से अमेरिकी मार्केट में भी हड़कंप मच गया और बेंचमार्क तीन फीसदी तक फिसल गए. अमेरिका से आई इस खबर ने भारतीय स्टॉक मार्केट को भी झकझोर कर रख दिया है. सेंसेक्स लगभग 1,200 अंक टूट गया और निफ्टी 23,870 के लेवल पर आ गया. दोनों ही इंडेक्स शुरुआती कारोबार में ही एक-एक फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे.

ब्याज दर में कटौती के बाद फेड ने 2025 और 2026 में 50-50 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती का अनुमान जताया है. फेड ने यह माना है कि महंगाई अभी भी अधिक है.

कंट्रोल से बाहर है महंगाई

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि उधार लेने की लागत में और कटौती अब महंगाई को कम करने के तरीकों पर निर्भर करेगी. इस बयान से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि पॉलिसी बनाने वाले ट्रंप प्रशासन के आने के बाद आर्थिक बदलाव की संभावनाओं के बारे में सोचने लगे हैं.

पॉवेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुझे लगता है कि हम एक अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यहां से यह एक नया फेज है और हम आगे की कटौती को लेकर सर्तक होने जा रहे हैं.

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लाखों करोड़ डूबे

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप में पिछले सत्र के 452.6 लाख करोड़ रुपये से घटकर 447 लाख करोड़ रुपये हो गया. इससे निवेशकों को गुरुवार के कारोबार के कुछ ही मिनटों में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ . अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 18 दिसंबर को अपनी ब्याज दर को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 4.25-4.50 फीसदी कर दिया.

एशियाई बाजार टूटे

रेट में कटौती के आउटलुक ने दुनिया भर के बाजार के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है. S&P 500 और Nasdaq में 3 फीसदी की गिरावट के बाद प्रमुख एशियाई बाजारों में भारी गिरावट आई. अमेरिकी फेड के बयान के बाद अमेरिकी डॉलर लगभग दो वर्ष के हाई लेवल पर पहुंच गया.

विदेशी इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (FII) ने भारतीय मार्केट में लगातार बिकवाली की है. डॉलर में मजबूती, बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और अगले साल यूएस फेड के ब्याज दरों में कटौती की कम संभावनाओं के बीच एफआईआई ने पिछले तीन सत्रों में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत के भारतीय इक्विटी बिकवाली की है.

भारत की बिगड़ती व्यापक आर्थिक तस्वीर को लेकर नई चिंताएं उभरी हैं, जिससे मार्केट का सेंटीमेंट प्रभावित हुआ है. नवंबर में देश का व्यापार घाटा बढ़कर अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गया.