एक साल के निचले स्तर पर पहुंचा RIL, कंपनी की सब्सिडियरी पर मंडरा रहा ये खतरा !

बाजार में बिकवाली का ऐसा दबाव देखा जा रहा है कि देश की दिग्गज कंपनी RIL के शेयर आज अपने 52-वीक लो को टच किया. पिछले एक साल में शेयर 20 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. जिससे बाजार पर दबाव देखा गया. आइए इस गिरावट के पीछे का वजह समझते हैं.

Reliance Industries के शेयर एक साल के निचले स्तर पर पहुंचा. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Reliance Industries: भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में सोमवार को भारी गिरावट देखी गई. गिरावट की वजह से 52 हफ्तों के नए लोअर लेवल 1,163.70 रुपये तक पहुंच गए. सुबह 11:21 बजे तक, RIL का स्टॉक 3.22 फीसदी गिरकर 1,160.95 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. पिछले एक साल में शेयर 20 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. आइए जानते हैं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज शेयर में बिकवाली क्यों देखी जा रही है.

गिरावट की वजह

बाजार जानकारों का मानना है कि रिलायंस के शेयरों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकालना है. ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी की आशंका, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने भारतीय शेयर बाजार पर निगेटिव असर डाला है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज, तेल रिफाइनिंग, टेलीकॉम और रिटेल जैसे कई बड़े बिजनेस ऑपरेट करती है. पिछले कुछ महीनों से संघर्ष कर रही है. बीते छह महीनों में इसके शेयरों में 23 फीसदी की गिरावट आई है और यह अपने ऑल-टाइम हाई 1,608.95 रुपये से 28 फीसदी तक नीचे आ चुका है.

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से नुकसान

भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक (FIIs) लगातार भारी बिकवाली कर रहे हैं, जिससे रिलायंस जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों पर दबाव बना हुआ है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की मार्केट कैप में भारी कमी आई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है.

आगामी तिमाही नतीजों पर होगी नजर

अब निवेशकों की नजर वैश्विक बाजारों के रुख, भारतीय सरकार की नीतियों और आगामी तिमाही नतीजों पर टिकी हुई है. यदि विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रही और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो रिलायंस के शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है.

रिलायंस न्यू एनर्जी पर भी संकट

रिलायंस की सहायक कंपनी रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड (RNEL) पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी पर 125 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है. दरअसल, RNEL ने 2022 में सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत एक बैटरी सेल प्लांट लगाने के लिए करार था. इस योजना के तहत सरकार 18,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने वाली थी, लेकिन प्रोजेक्ट की डेडलाइन मिस होने के चलते अब कंपनी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

एक साल में 22 फीसदी टूटा

यह स्टॉक पिछले एक साल से सेंसेक्स इंडेक्स में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले शेयरों में शामिल रहा है. सोमवार के निचले स्तर 1,156 रुपये को देखते हुए, इस शेयर में पिछले एक साल में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, वहीं, इसी दौरान सेंसेक्स सिर्फ 1 फीसदी गिरा है.

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