Suzlon के पास ऑर्डर की भरमार, फिर क्यों नहीं रफ्तार पकड़ रहा शेयर… क्या 35 रुपये तक गिरेगा?
Suzlon Energy Share Outlook: सितंबर 2024 में सुजलॉन के शेयर 86 रुपये के लेवल तक पहुंचे थे. लेकिन अब ये शेयर हाई लेवल से करीब 34 फीसदी टूट चुका है. अब निवेशक हाई लेवल से आई गिरावट की जाल में फंस चुके हैं.
Suzlon Energy Share Outlook: सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में आ रही लगातार गिरावट ने इसके निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है. अब यह स्टॉक 50 रुपये की रेंज में आ गया है. बीते दिन यह स्टॉक 4 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 50.13 रुपये पर क्लोज हुआ था. कंपनी लगातार अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में जुटी है. इसका ऑर्डर बुक भी भरा हुआ, लेकिन शेयर है कि रफ्तार पकड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है. आखिर सुजलॉन के शेयर में ऐसा क्या हुआ है कि ये लगातार टूट रहा है और ये अभी और कितना गिर सकता है, आइए एक्सपर्ट से समझ लेते हैं.
10 रुपये से 86 रुपये तक
सितंबर 2024 में सुजलॉन के शेयर 86 रुपये के लेवल तक पहुंचे थे. लेकिन अब ये शेयर हाई लेवल से करीब 34 फीसदी टूट चुका है. यह शेयर मई 2023 में 8-10 रुपये की रेंज में कारोबार कर रहा था. यहां से सुजलॉन के शेयर में आई तेजी ने निवेशकों को आकर्षित किया और उन्हें बढ़िया रिटर्न भी मिला. लेकिन अब निवेशक हाई लेवल से आई गिरावट की जाल में फंस चुके हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप इफेक्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया ग्रीन एनर्जी को लेकर रहा है, उसने सुजलॉन को भी कहीं न कहीं प्रभावित किया है. क्योंकि ट्रंप का मनाना है कि वे क्लीन एनर्जी की बजाय कोयला, तेल और गैस पर फोकस करेंगे. इसलिए डोनाल्ड ट्रंप जब से आए हैं तब से रिन्यूएबल एनर्जी वाले शेयरों की ज्यादा पिटाई हो रही है. ट्रंप का साफ तौर पर कहना है कि मैं क्लीन एनर्जी पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहता.मैं कोयला तेल गैस बेस्ड जो एनर्जी बनती है उस पर फोकस करूंगा.
विदेशी निवेशकों ने कम की हिस्सेदारी
अक्टूबर-दिसंबर में FIIs ने भी कुछ शेयर बेचे, जिससे उनका स्टेक 23.72 फीसदी से घटकर 22.87 रह गया. लेकिन दिसंबर की तिमाही में घरेलू निवेशकों (DII) ने खरीदारी की थी और अपनी हिस्सेदारी 9.02 से बढ़ाकर उन्होंने अपना हिस्सेदारी 9.31 फीसदी तक बढ़ाई थी. हालांकि, वैल्यूएशन को लेकर चिंता 80 रुपये के लेवल पर भी थी.
सुजलॉन एनर्जी के फ्यूचर ट्रिगर्स
सुजलॉन एनर्जी के फ्यूचर के ट्रिगर्स पर नजर डालें, तो पहली बात यह है कि 28 जनवरी यानी आज कंपनी के तिमाही के नतीजे आ रहे हैं. इसके अलावा एक फरवरी को आने वाले बजट से भी कंपनी को उम्मीदें हैं.
इसके अलावा सुजलॉन एनर्जी के पास भरपूर ऑर्डर हैं. कंपनी का ऑर्डर बुक करीब 5.1 गीगा वॉट का है. यानी अगले दो साल तक भी इसको ऑर्डर नहीं मिलते हैं, तो भी कंपनी के पास पर्याप्त काम है.
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए अभी भी और कुछ ऑर्डर पाइपलाइन में हैं. 1.5 गीगा वॉट के ऑर्डर आने हैं. ये ऑर्डर आते हैं, तो सुजलॉन को जरूर मिलेंगे, क्योंकि इसका मार्केट शेयर विंड टरबाइन सेगमेंट में करीब 32 फीसदी है. इसके अलावा कंपनी अपना कर्ज भी कम कर रही है, कंपनी पर अब 277 करोड़ का कर्ज लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म मिलाकर रह गया है.
शॉर्ट टर्म सपोर्ट
Adlytick Stcok Market Research के आदित्य अरोरा ने कहा कि सुजलॉन इन्वेस्टर का फेवरेट स्टॉक रहा है. उन्होंने कहा कि अब यह शेयर एक शॉर्ट टर्म सपोर्ट पर आ चुका है. यह 45-50 का जोन है. ऐसा लगा रहा है कि इस जोन में बिकवाली थोड़ थम सकती है. इसलिए इस स्टॉक को अभी सेल नहीं करने की सलाह है और वेट एंड वॉच की स्थिति में बने रहे. अगर स्टॉक में तेजी आती है, तो इस काउंटर से निकल सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्टॉक कोई जोरदार रैली आने की उम्मीद अभी नजर नहीं आ रही है.
35 रुपये तक टूट सकता है शेयर
लक्ष्मीश्री सिक्योरिटीज के HoR अंशुल जैन ने कही कि 50.60 रुपये इस स्टॉक का मेजर सपोर्ट है. 65 के आसपास फ्लड कर रहा है और रिवर्सल 2 जनवरी को बना था. हम लगातार इस बात की चर्चा करते आ रहे हैं कि 50.60 रुपये इसका पहला टार्गेट बनेगा. अगर यह लेवल नहीं सुरक्षित हुआ, तो फिर 35.50 रुपये वीकली ऑर्डर फ्लो का लो आता है. ऑर्डर फ्लो हाई पे आया है लेकिन समस्या यह है कि लोअर सर्किट के साथ आया है और अगर यह लोअर सर्किट का सिलसिला जारी रहा, तो स्टॉक लगातार टूट सकता है.
बाउंस बैक में अगर देखें, तो अगर यह 56- 58 रुपये की रेंज को रिक्लेम करके वॉल्यूम के साथ प्रोटेक्ट नहीं करता है तो 35.50 रुपये पर आ सकता है. अगर बाउंस बैक में 56-58 रुपये तक मिल जाता है, तो स्टॉक से निकल सकते हैं.
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