अब Startup में मिलेंगी नौकरियां, 5 साल में 5 करोड़, डबल होंगे यूनीकॉर्न

भारत में स्टार्टअप्स का इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है, और आने वाले पांच सालों में यह दोगुना हो सकता है.इसके साथ ही, अगले पांच सालों में इस सेक्टर में लगभग पांच करोड़ नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है. पिछले साल इस सेक्टर में रिकॉर्ड आईपीओ और फंडिंग देखी गई, जिसमें करीब एक लाख करोड़ रुपये जुटाए गए.

भारत में स्टार्टअप्स का इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है, Image Credit: Designer/DigitalVision Vectors/Getty Images

Startup Day:भारत में स्टार्टअप्स अब एक ट्रेडिंग वर्ड बन गया है. बड़े शहर छोड़िए अब छोटे शहरों में तेजी से स्टार्टअप आ रहे हैं. आलम यह है कि अगले 5 साल में देश में यूनिकॉर्न की संख्या डबल हो जाएंगी. और अकेले स्टार्टअप देश में 2030 तक 5 करोड़ नौकरियां दे सकते हैं. पिछले साल स्टॉर्टअप में रिकॉर्ड आईपीओ और फंडिंग देखी गई, जिससे करीब एक लाख करोड़ रुपये जुटाए.

स्टार्टअप्स और फंडिंग

बीते साल रिकॉर्ड आईपीओ फंडिंग के साथ, भारतीय स्टार्टअप्स ने 993 सौदों से करीब एक लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, जिससे बाजार में मजबूत रिकवरी के संकेत मिलते हैं. स्टार्टअप्स का इकोसिस्टम मैच्योर हो चुका है और अब यह और अधिक विस्तार के लिए तैयार है.

यूनिकॉर्न की संख्या

भारत में वर्तमान में 118 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स हैं, जिनकी कुल वैल्यू 33 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है. हुरुन रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इन यूनिकॉर्न्स की संख्या आने वाले पांच सालों में 230 तक पहुंच सकती है.

2030 तक पांच करोड़ नौकरियां

मार्केट रिसर्च एजेंसी मैकिंजी के मुताबिक, भारत में स्टार्टअप्स ने अब तक 15 लाख नौकरियां पैदा की हैं. 2030 तक ये 5 करोड़ तक पहुंच सकती हैं, जिसमें 3.5 करोड़ से 4 करोड़ नौकरियां अप्रत्यक्ष रूप से पैदा हो सकती हैं.

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महिलाओं का बढ़ता दबदबा

स्टार्टअप्स में महिला नेतृत्व का दबदबा बढ़ता जा रहा है. इस साल रिकॉर्ड संख्या में आईपीओ आने की संभावना है. अभी महिलाओं के नेतृत्व वाले 18 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स है और अगले 5 वर्षों में महिला नेतृत्व वाले यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की संख्या 20 स्टार्टअप्स कंपनियां और जुड़ सकती हैं .

स्टार्टअप्स द्वारा कर्मचारियों को करोड़पति बनाना

स्विगी जैसे स्टार्टअप्स ने अपने कर्मचारियों को करोड़पति बना दिया है, और इस ट्रेंड के बढ़ने की उम्मीद है. बीते साल, 3,000 कर्मचारियों को 1,470 करोड़ रुपए मिले थे.

आगे की दिशा

भारत में आने वाले समय में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स का आंकड़ा 250 तक पहुंच सकता है. 100 से अधिक एआई स्टार्टअप्स मार्केट में आ सकते हैं. इसके अलावा, क्लाइमेट टेक और डीप टेक जैसे क्षेत्रों में भी स्टार्टअप्स को अधिक फंडिंग मिल सकती है.

घरेलू फंडिंग में बढ़ोतरी

2023 में, स्टार्टअप्स को कुल फंडिंग में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 90 फीसदी थी, और यह ट्रेंड भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है.