ये देसी सिंह दे रहा ‘बर्गर किंग’ को टक्कर, चटपटे मसालों ने कर दिया कमाल
बर्गर सिंह आज फास्टफूड की दुनिया में एक जाना माना नाम है. ये अमेरिकन ब्रांड बर्गर किंग को भी टक्कर दे रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कबीर जीत सिंह ने कैसे विदेशी बर्गर में भारतीय मसालों का जादू चलाया और इसे पॉपुलर बनाया, आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.
भारतीय फास्ट फूड मार्केट में इंटरनेशल ब्रांड्स का काफी दबदबा है. पिज्जा से लेकर बर्गर तक में विदेशी जायका हावी है. बर्गर बेचने के मामले में अमेरिकन कंपनी बर्गर किंग बेहद आगे है, ऐसे में इस विदेशी ब्रांड को टक्कर देने और बर्गर जैसे फास्टफूड में देसी तड़का लगाने का कमाल भारत के कबीर जीत सिंह ने किया है. सोच से परे टेस्ट के इस कॉम्बिनेशन को उन्होंने मुमकिन कर दिखाया है. उनके अवसरों को पहचानने की कला और स्वाद के प्रति जुनून ने उन्हें ‘बर्गर सिंह’ की स्थापना के लिए प्रेरित किया. उनकी लगन और मेहनत के दम पर उनकी यह कंपनी भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते QSR यानी क्विक सर्विस रेस्तरां में से एक बन गया है, जिसकी वैल्यूएशन अब करीब 430 करोड़ रुपये है.
कैसे आया आइडिया?
कबीर जीत सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वह ब्रिटेन में बतौर स्टूडेंट रहते थे और गुजारे के लिए शाम को एक बर्गर की दुकान में वहां पार्ट टाइम नौकरी करते थे. चूंकि कबीर एक भारतीय थे तो उन्हें विदेशी खाने में मसालों की कमी महसूस होती थी. तभी उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न इस विदेशी बर्गर को भारतीय मसालों के साथ तैयार किया जाए और इसे टेस्टी बनाया जाए. शुरुआती दौर में उन्होंने बर्गर पैटी पकाने से पहले उसमें लगने वाले मिश्रण में थोड़े मसाले का इस्तेमाल किया. उनका ये प्रयोग ग्राहकों का पसंद आया. बाद में उन्होंने इसे अपने दोस्तों को भी खिलाया. तब तक उन्होंने सोचा नहीं था कि वह अपना ब्रांड बनाएंगे, लेकिन उनका ये सपना नवंबर 2014 में पूरा हुआ.
भारत लौटकर रखी बर्गर सिंह की नींव
ऑक्सफोर्ड के सैड बिजनेस स्कूल से मास्टर डिग्री और बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाले कबीर जीत सिंह ने भारत लौटकर 2014 में बर्गर सिंह की नींव रखी. उन्होंने गुरुग्राम में इसका पहला स्टोर खोला. मिंट की रिपोर्ट के दौरान उस वक्त कबीर सिंह ने करीब 40 लाख रुपये उस वक्त इंवेस्ट किए थे, जिसकी वैल्यूएशन अब बढ़कर 430 करोड़ रुपये की हो गई है. अब बर्गर सिंह के 75 से अधिक शहरों में 175 से ज्यादा आउटलेट हैं.