UPSC की तैयारी छोड़ बना दी 150 करोड़ की कंपनी, अब पिलाता है चाय, इंदौर के छोरे का कमाल
चाय सुट्टा बार के को-फाउंडर अभिनव दुबे ने कंपनी के शुरु होने और उससे पहले की कहानी साझा की है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली जाने के बाद उन्हें CSB का आइडिया आया और उन्होंने इसको सार्थक किया.
Chai Sutta Bar Story: भारत जैसे देश में जहां आज भी सरकारी नौकरी की दौड़ में लोग कई दफा अपने मन को मार लेते हैं वैसे में एक लड़का सबसे अलग निकल कर आता है जो UPSC की तैयारी के बीच में छोड़कर चाय की दुकान खोलने की जिद पर अड़ जाता है. इस जिद्द को सुनकर लोगों ने काफी हंसी उड़ाई लेकिन उस लड़के ने जो ठान लिया था उसने उसे कर के दिखाया.
ये कहानी मध्यप्रदेश के इंदौर में रहने वाले अनुभव दुबे की है जिसने अपना शहर आईएएस बनने की तैयारी करने के लिए छोड़ा था लेकिन जब वापस आया तब ‘चाय सुट्टा बार’ (CSB) का को फाउंडर बन गया था. देखते ही देखते कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया.
साझा की अपनी कहानी
दुबे ने हाल ही में सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट के जरिये बताया कि कैसे यूपीएससी की परीक्षा में बार-बार असफल होने ने उन्हें आखिरकार सफलता की राह पर पहुंचा दिया था. एक्स पर दुबे ने अपनी कहानी उन लोगों को केंद्र में रखकर सुनाई जिन्हें लोगों ने कभी सम्मान की नजर से नहीं देखा है. उन्हें संबोधित करते हुए दुबे लिखते हैं, “यह उन लोगों के लिए है जिन्हें जीवन में कोई अवार्ड या सम्मान नहीं मिला है. 25 साल की उम्र तक मुझे एक भी अवार्ड नहीं मिला था. मैं एक बैकबेंचर था. अवार्ड और सर्टिफिकेट, मेरे लिए मायने नहीं रखते थे.”
150 करोड़ रुपये का वार्षिक रेवेन्यू
CSB की शुरुआत अनुभव दुबे और आनंद नायक ने 2016 में की थी. कुछ समय के बाद राहुल पाटीदार भी इसमें शामिल होकर मध्य प्रदेश में इसकी शुरुआत की. मौजूदा समय में देशभर के 370 से अधिक शहरों में कंपनी के 600 से ज्यादा आउटलेट्स हैं. इसके अलावा इंटरनेशनल स्तर पर भी अपने आउटलेट्स के जरिये कंपनी ने अपनी पहचान बनाई है. कंपनी का वार्षिक रेवेन्यू तकरीबन 150 करोड़ रुपये है.
UPSC की तैयारी के लिए गए दिल्ली
अनुभव की शुरुआती पढ़ाई यानी क्लास 1 से 8 तक की गांव में हुई थी. उसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने इंदौर से किया. फिर घरवालों ने अच्छे भविष्य बनाने के नाम पर उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया. वहीं पर उनकी मुलाकात उनके स्कूल के दोस्त और चाय सुट्टा बार (CSB) के को-फाउंडर आनंद नायक से हुई. और इसी मुलाकात ने CSB की बीज रखी.
असफलता को सफलता में बदला
दुबे ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा पास करने का उनका आत्मविश्वास समय के साथ कम होता गया. इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके स्कूल के दोस्त आनंद नायक से हुई. उन्होंने बताया कि एक औसत छात्र होने और किसी भी चीज में अच्छा न करने के कारण CSB शुरू करने से पहले मैं काफी डरा हुआ था. दिमाग में यही सवाल घूम रहा था कि “अगर इसमें भी फेल हो गया तब क्या होगा”? लेकिन इस बार मेरी सोच काफी अलग थी. मैं ज्यादा गंभीर और अपना समय, कोशिश और एनर्जी को पूरी तरह से इसमें झोंकने को तैयार था. आगे चलकर मुझे इसका फायदा भी मिला.
कोशिश करने पर न लगाएं लगाम
अपनी पोस्ट के आखिर में दुबे लिखते हैं कि कहानी का सबक यह है कि अगर आपको अवार्ड या पहचान नहीं मिला इसका ये मतलब नहीं है कि आप सक्षम नहीं हैं बल्कि ये भी हो सकता है कि यह तमाम पहचान और अवार्ड आपको किसी दूसरे काम से मिले. लेकिन इस दौरान आपको एक चीज लगातार करनी होगी और वह है कोशिश करना.