पद्मभूषण विजेता, फोर्ब्स पॉवरफुल वुमेन और फिर करोड़ों की ठगी में आया नाम; अब बनी पॉडकास्टर

एक वक्त की सबसे ताकतवर महिला बैंकर्स में से एक चंदा कोचर अब एक बिल्कुल नई राह पर हैं. विवादों और कानूनी लड़ाई के बीच उन्होंने यूट्यूब पर नए चैनल की शुरुआत की है. जानिए उनकी इस नए सफर के बारे में.

चंदा कोचर Image Credit: Chanda Kochar YT

Chanda Kochhar Youtube Channel: मुश्किलों से घिरे करियर के बाद, पूर्व ICICI बैंक प्रमुख चंदा कोचर अब एक नए सफर पर हैं. इस बार एक पॉडकास्टर के तौर पर. कभी देश की सबसे प्रभावशाली बैंकिंग हस्तियों में शुमार रहीं कोचर अब अपने यूट्यूब चैनल ‘Journey Unscripted with Chanda Kochar के जरिए कहानियां साझा कर रही हैं. इस महीने की शुरुआत में लॉन्च हुए इस पॉडकास्ट चैनल के फिलहाल 2,000 सब्सक्राइबर हैं. चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. एक मीडिया इंटरव्यू में कहा कि वह हर नए मौके के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि यह पॉडकास्ट आगे चलकर किसी बड़े अवसर का द्वार खोल सकता है.

महीने में होंगे तीन पॉडकास्ट

पॉडकास्ट में कौन आएगा ये फैसला चंदा के हाथ में ही है. साथ ही आए गेस्ट से किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे इसकों लेकर चंदा खुद ही रिसर्च करती है. उनका टारगेट है कि हर महीने तीन पॉडकास्ट एपिसोड चैनल पर अपलोड किए जाएं. पहले एपिसोड में उनके मेहमान मारिको कंपनी के संस्थापक और चेयरमैन हर्ष मारीवाला थे. इस वीडियो को करीब 17 हजार लोगों ने देखा. उनके दूसरे एपिसोड में एक अभिनेता आने वाले हैं, लेकिन उन्होंने नाम का खुलासा नहीं किया. इस पॉडकास्ट को द साल्ट इंक नामक एक इंडिपेंडेंट कंटेंट और डिजाइन एजेंसी ने प्रोड्यूस किया है. इस कंपनी का फोकस टेक्नोलॉजी पर है.

बैंकिंग की बुलंदियों से विवादों तक

63 वर्षीय चंदा कोचर ने 1984 में ICICI बैंक से अपने करियर की शुरुआत की थी. 2009 में उन्हें बैंक का एमडी और सीईओ बनाया गया. बैंकिंग क्षेत्र में उनकी प्रतिष्ठा इतनी मजबूत थी कि 2010 में फोर्ब्स ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया था. उन्हें भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई पुरस्कार मिले.

लेकिन 2017 में कोचर के करियर में बड़ा मोड़ आया, जब सीबीआई ने उनके खिलाफ लोन फ्रॉड के आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू की. आरोप था कि उन्होंने ICICI बैंक की प्रमुख रहते हुए वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया, जिसमें अनियमितताएं थीं. 2019 में दर्ज एफआईआर में सीबीआई ने कहा कि कोचर उस समिति का हिस्सा थीं जिसने वीडियोकॉन को 300 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया. बाद में वीडियोकॉन इस लोन को चुकाने में विफल रहा.

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सीबीआई के अनुसार, इस लोन की मंजूरी के एक दिन बाद ही वीडियोकॉन ने कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया. जांच एजेंसी ने इसे ‘quid pro quo’ यानी आपसी लाभ का सौदा बताया. इस मामले पर चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत पर कार्रवाई हुई.