DPIIT स्टार्टअप्स के लिए आज लॉन्च करेगा ‘भास्कर’ प्लेटफॉर्म, जानें क्या होंगे इसके फायदे
वाणिज्य मंत्रालय ने 15 सितंबर को एक विज्ञप्ति में कहा कि भारत वर्तमान में 1,46,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स का घर है और यह तेजी से दुनिया के सबसे गतिशील स्टार्टअप केंद्रों में से एक बन गया है. मंत्रालय ने कहा कि 'भास्कर' उद्यमियों और निवेशकों दोनों के लिए एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा जो उनकी सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करेगा.
भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से मजबूत हो रहा है. सरकार भी लगातार इसे बढ़ावा दे रही है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए आज डिजिटल प्लेटफार्म ‘भारत स्टार्टअप नॉलेज एक्सेस रजिस्ट्री’ (BHASKAR) लॉन्च करने की घोषणा की है.
सरकारी बयान में बताया गया था कि यह प्लेटफॉर्म 16 सितंबर को लॉन्च किया जाएगा और यह भारतीय इनोवेशन इकोसिस्टम के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा. स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत यह पहल स्टार्टअप्स, निवेशकों, मेंटर्स, सेवा प्रदाताओं और सरकारी निकायों सहित उद्यमिता इकोसिस्टम के सभी स्टेकहोल्डर के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है.
यह भारत सरकार की उस दृष्टि के अनुरूप है जिसके तहत भारत को इनोवेशन और उद्यमिता में वैश्विक नेता के रूप में परिवर्तित करना है, और यह स्टार्टअप आंदोलन के प्रति देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा. वाणिज्य मंत्रालय ने 15 सितंबर को एक विज्ञप्ति में कहा कि भारत वर्तमान में 1,46,000 से अधिक DPIIT-मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स का घर है और यह तेजी से दुनिया के सबसे गतिशील स्टार्टअप केंद्रों में से एक बन गया है.
मंत्रालय ने कहा कि ‘भास्कर’ उद्यमियों और निवेशकों दोनों के लिए एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा जो उनकी सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करेगा.
क्या है BHASKAR की विशेषता
भास्कर का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप इकोसिस्टम के स्टेकहोल्डर के लिए दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रजिस्ट्री बनाना है. भास्कर स्टार्टअप्स, निवेशकों, मेंटर्स और अन्य स्टेकहोल्डर के बीच की खाई को पाटने का काम करेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में बिना रुकावट संवाद संभव हो सकेगा.
संसाधनों को एकत्र कर यह प्लेटफार्म स्टार्टअप्स को टूल और नॉलेज तक त्वरित पहुंच प्रदान करेगा, जिससे निर्णय लेने और बेहतर विकास में मदद मिलेगी. सभी स्टेकहोल्डर को एक यूनिक भास्कर आईडी दी जाएगी, जिससे प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत संवाद और बेहतर अनुभव मिलेगा.
इसके माध्यम से उपयोगकर्ता अपने लिए आवश्यक संसाधन, सहयोगी और अवसरों का पता आसानी से लगा सकते हैं. साथ ही, भास्कर के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत को एक इनोवेशन हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी.