हाइवे किनारे ढाबा खोल कमाएं लाखों, भारत सरकार ने शुरू की हमसफर पॉलिसी
आप भी अपना बिजनेस शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए बढ़िया मौका है. सरकार ने हमसफर पॉलिसी शुरू की है. इस पॉलिसी के तहत आप हाईवे पर अपना ढाबा और रेस्टोरेंट खोल सकते हैं.
भारत में ऑन्टोप्रेन्योर का दौर चल रहा है. देश में लोगों के भीतर बिजनेस को लेकर काफी उत्साह में है. ऐसे में आप भी अपना बिजनेस शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए बढ़िया मौका है. सरकार ने हमसफर पॉलिसी शुरू की है. इस पॉलिसी के तहत आप पर अपना ढाबा और रेस्टोरेंट खोल सकते हैं.
देश में करीब 5 लाख किमी लंबा नेशनल हाईवे का जाल फैला हुआ है फिलहाल कई हाईवे और एक्सप्रेसवे ऐसे हैं जिन पर लंबी दूरी तक खाने पीने और फ्यूल स्टेशन की कोई भी सुविधा नहीं मिलती है. इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए सरकार ने हमसफर पॉलिसी शुरू की है.
पॉलिसी के तहत ऐसे करीब 1000 सेंटर स्थापित किए जाने हैं. इसके अलावा इस नेटवर्क के आसपास से पहले से मौजूद ढाबों, रेस्टोरेंट पेट्रोल पंप आदि को भी नई नीति के दायरे में लाया जाएगा. इस नीति के तहत फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, फ्यूल स्टेशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, चार्जिंग स्टेशन, पार्किंग, शौचालय सुविधा, बेबी केयर रूम, एटीएम, वाहन मरम्मत की दुकान, फार्मेसी खोल सकते है.
कहां और कैसे अप्लाई करना होगा
अगर आप भी हाइवे किनारे ढाबा खोलना चाहते है तो सरकार आपकी मदद भी करेगी. आइए जानते है कि इसके लिए क्या योग्यताएं होंगी. इसके लिए सबसे पहले आपको हमसफर पोर्टल या ऐप के जरिए अप्लाई करना होगा. इस कारोबार के लिए आपको एफएसएसएआई सर्टिफिकेट लेना होगा. FSSAI का गठन खाद्य पदार्थों के निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करने के लिए किया गया है. FSSAI की स्थापना खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम, २००६ साल के अन्तर्गत किया गया है. यह परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
इन बिजनेस में भी आजमा सकते है किस्मत
सरकारी नियमों के तहत आपके बिजनेस सेंटर में टॉयलेट बेबी केयर सुविधाएं और दिव्यांगों को व्हील चेयर की सुविधा होनी चाहिए. अगर आप फ्यूल स्टेशन के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो आपको फायर सेफ्टी सर्टिफिकेशन जैसे लाइसेंस लेने होंगे. साथ ही इनमें टॉयलेट बेबी केयर रूम पार्किंग की सुविधा और ईवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा होनी चाहिए. अगर आप ट्रामा सेंटर के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो आपका संस्था स्थान क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर होना चाहिए.
साथ ही दिव्यांगों के लिए साफ टॉयलेट और सुगम रास्ता होना चाहिए. अगर आप अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए अप्लाई करना चाहते हैं तो सुविधा स्टोर और पार्किंग और पार्किंग जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी आपको विकसित करनी होगी. इसकी शर्त यह है कि वो सर्विस लेन पर स्थित हो और मेन रास्ते में उसकी एंट्री ना हो. सर्विस लेन तक पहुंचने के लिए एनएचएआई से एनओसी लेना जरूरी होगा. आप जिस बिजनेस के लिए अप्लाई कर रहे हैं इसके लिए आपके पास जरूरी डॉक्यूमेंट होने चाहिए.
डॉक्यूमेंट वेरीफाई होने के बाद मिलेगा सर्टिफिकेट
इसमें संबंधित कार्य का लाइसेंस जमा करना होगा. अप्लाई करने के बाद एक थर्ड पार्टी एजेंसी आपके डॉक्यूमेंट की जांच करेगी. इसके बाद आवेदक जो है वो सूचित किया जाएगा कि आपके डॉक्यूमेंट पर्याप्त है या नहीं. अगर आपकी औपचारिकताएं अधूरी है तो उन्हें पूरा करने के लिए 5 दिन का आपको टाइम दिया जाएगा. सभी जरूरी डॉक्यूमेंट स्वीकार किए जाने के बाद साइट इंस्पेक्शन किया जाएगा. सर्विस प्रोवाइडर्स को एक महीने के अंदर एप्लीकेशन स्टेटस की जानकारी दी जाएगी. सभी औपचारिकताएं पूरी होने पर आवेदक को डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. यह सर्टिफिकेट 2 साल के लिए मान्य होगा. जो समय रहते आपको रिन्यू भी कराना होगा. यह प्रोसेस चलता रहेगा.
नितिन गडकरी ने क्या कहा?
पॉलिसी को लॉन्च करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमसफर नीति का उद्देश्य यात्रियों को हाईवे पर सुखद और सुरक्षित यात्रा की अनुभूति कराना है. आने वाले दिनों में बेहतर फूड पॉइंट या फ्यूल स्टेशन केवल बड़े शहरों की सीमा पर ही नहीं बनेंगे. बल्कि कस्बों और गांव के आसपास हाईवे के हिस्से पर भी होंगे. जल्द ही सफर ब्रांड सुरक्षित और सुगम सफर का पर्याय बनेगा.