किस शख्स ने बनाई Pi Coin, जिसे कहा जाता है गरीबों की क्रिप्टो करेंसी

Pi Network एक डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे स्टैनफोर्ड पीएचडी डॉ. निकोलस कोक्कालिस और डॉ. चेंगदियाओ फैन ने 2019 में लॉन्च किया. यह मोबाइल माइनिंग की सुविधा देता है, जिससे इसे गरीबों की क्रिप्टो भी कहा जाता है. Pi Network का लक्ष्य ब्लॉकचेन तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाना और डिजिटल इकोसिस्टम बनाना है.

डॉ.निकोलस कोक्कालिस और डॉ.चेंगदियाओ फैन प्रमुख हैं. Image Credit: money9live

Pi Coin Owner: Pi Coin नाम की एक नई करेंसी लॉन्च हुई है. यह अपनी तरह की पहली करेंसी है, जिसे मोबाइल फोन से माइन किया जा सकता है मोबाइल से माइनिंग की सुविधा होने की वजह से इसे “गरीबों का क्रिप्टो” भी कहा जाता है. इसकी एक और खासियत यह है कि यह डिसेंट्रलाइज्ड मॉडल पर काम करती है. हालांकि, लॉन्च के दिन ही शुरुआती बढ़त के बाद इसमें भारी गिरावट देखी गई. लॉन्च से लेकर भारी गिरावट के बीच इसको बनाने वाले सुर्खियों में बने हुए हैं.

किसने बनाई Pi Network?

Pi Networkस्टैनफोर्ड के पीएचडी स्कॉलर द्वारा बनाई गई है, जिसमें डॉ.निकोलस कोक्कालिस (Dr. Nicolas Kokkalis) और डॉ.चेंगदियाओ फैन(Dr. Chengdiao Fan) प्रमुख हैं. इसकी कोर टीम में कुल 35 सदस्य शामिल हैं.

डॉ. निकोलस कोक्कालिस

Pi Network के सह-संस्थापक डॉ. निकोलस कोक्कालिस वर्तमान में Head of Technology के पद पर कार्यरत हैं. स्टैनफोर्ड पीएचडी डॉ. निकोलस ने 2018 में स्टैनफोर्ड में पहली बार डिसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशन कोर्स (CS359B)पढ़ाया था. डिस्ट्रीब्यूटेड सिस्टम्स और मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन के विशेषज्ञ कोक्कालिस का लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी को आम लोगों के लिए सुलभ बनाना और ब्लॉकचेन तकनीक के वास्तविक जीवन में उपयोग को बढ़ावा देना है.

डॉ. चेंगदियाओ फैन

डॉ. चेंगदियाओ फैन (Chengdiao Fan), Pi Network की Head of Product हैं. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से Anthropological Sciences में पीएचडी कर चुकी हैं. वह सामाजिक कंप्यूटिंग (Social Computing)के जरिए लोगों की क्षमताओं को बढ़ाने पर काम कर रही हैं. वह Pi Network को ऐसा डिजिटल इकोसिस्टम बना रही हैं, जहां लोग योगदान देकर इनाम कमा सकें और नई तकनीकों व उपयोगिता को बढ़ावा दे सकें.

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Pi Network की शुरुआत कैसे हुई?

14 मार्च 2019 (Pi Day) को लॉन्च हुआ यह नेटवर्क आज एक महत्वपूर्ण क्रिप्टो प्रोजेक्ट बन चुका है. Pi यूजर्स को मोबाइल फोन के माध्यम से माइनिंग करने की सुविधा देता है और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए KYC सत्यापन और डिसेंट्रलाइज्ड प्रशासन का पालन करता है. लाखों वेरिफाइड यूजर्स और डेवलपर-फ्रेंडली प्लेटफॉर्मके साथ, Pi Network भविष्य में एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी बन सकता है.

Pi Coin में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करना जरूरी है:

  • कीमत में उतार-चढ़ाव: Pi Coin की वैल्यू बहुत अस्थिर है. 2019 से इसे माइन करने वाले लोग अब बड़ी मात्रा में बेच रहे हैं, जिससे इसकी कीमत में गिरावट देखी जा रही है.
  • एक्सचेंज लिस्टिंग: यह अभी तक Binance जैसे प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज पर लिस्टेड नहीं है, जिससे इसकी लिक्विडिटी और ट्रेडिंग विकल्प सीमित हो सकते हैं.
  • नियम व जोखिम: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून स्पष्ट नहीं हैं और भविष्य में बदलाव संभव हैं, जिससे निवेश जोखिमभरा हो सकता है.
  • भविष्य की संभावनाएं: Pi Coin की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि इसे कितने लोग अपनाते हैं और इसका वास्तविक उपयोग कितना बढ़ता है.
  • उपयोगिता: Pi Network का उद्देश्य मोबाइल माइनिंग को आसान बनाना है, जिससे इसे ऑनलाइन पेमेंट और Web3 एप्लिकेशन में इस्तेमाल किया जा सके.