मोटी सैलरी वाली जॉब छोड़ देश में शुरू किया ये कारोबार, आज हैं ‘वाइन किंग’ के नाम से मशहूर

Success Story: हर किसी का सपना होता है कि वो पढ़-लिखकर अच्‍छा करियर बनाए, उसकी जिंदगी अच्‍छे से सेट हो जाए. ऐसा ही कुछ मुंबई में जन्‍मे राजीव सामंत के साथ भी था. उन्‍होंने मुंबई में शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री […]

देश के सबसे बड़े वाइन उत्‍पादक सुला वाइनयार्ड के मालिक राजीव सामंत की कामयाबी की कहानी

Success Story: हर किसी का सपना होता है कि वो पढ़-लिखकर अच्‍छा करियर बनाए, उसकी जिंदगी अच्‍छे से सेट हो जाए. ऐसा ही कुछ मुंबई में जन्‍मे राजीव सामंत के साथ भी था. उन्‍होंने मुंबई में शुरुआती पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन और इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की. अमेरिका में ही उनकी एक नामी कंपनी में जॉब भी लग गई, जहां उन्‍हें मोटी सैलरी मिल रही थी, लेकिन सामंत के मन में कुछ अलग करने की कसक थी, शायद यही वजह उन्‍हें वापस भारत खींच लाई और यहां उनके बिजनेस करियर की शुरुआत हुई. अपने परिवार के 20 एकड़ जमीन पर खेती से बढ़ाए कदम ने उन्‍हें वाइन मेकिंग यानी शराब बनाने की दुनिया में पहुंचा दिया. यहीं से उनकी कंपनी सुला वाइनयार्ड की नींव पड़ी, जो देखते ही देखते भारत में सबसे बड़े वाइन उत्पादकों में से एक बन गया.

कुछ बड़ा करने के जुनून में छोड़ी विदेशी नौकरी

राजीव सामंत ने अमेरिका से ग्रेजुएशन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर वहीं के ‘Oracle Corp.’ जैसी बड़ी कंपनी में काम करने लगे. उन्‍हें अच्‍छा पैसा भी मिल रहा था, लेकिन सामंत में कुछ अलग करने का जुनून था. जिसके चलते वे 1993 में नौकरी छोड़कर अपने देश भारत लौट आए. शुरुआत में उन्‍होंने नासिक में अपने परिवार के 20 एकड़ के खेत में आम, गुलाब और अंगूर की खेती शुरू की. कुछ साल बाद उन्हें एहसास हुआ कि नासिक की जलवायु वाइन के लिए अंगूर उगाने के लिए सबसे बेहतर है, तभी उन्‍होंने फैसला किया कि वह वाइन मेकिंग इंडस्‍ट्री में कदम रखेंगे.

कैलिफोर्निया के मशहूर वाइनमेकर से ली मदद

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार सामंत ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि वाइन का बिजनेस शुरू करने के लिए उन्‍हें अपना सब कुछ गिरवी रखना पड़ा था. बिजनेस की बारीकियां समझने के लिए वह कैलिफोर्निया गए और वहां के एक मशहूर वाइनमेकर से मिले. उन्‍होंने वाइनरी शुरू करने में सामंत की मदद की. राजीव सामंत ने 1999 में नासिक में ‘सुला वाइनयार्ड्स’ की स्थापना की थी. यह नासिक की पहली वाइनरी थी. अब राजीव इस कंपनी के MD, CEO और प्रमोटर हैं. जून 2024 तक उनकी कंपनी की मार्केट वैल्यू 4,309 करोड़ रुपए आंकी गई. सुला आज भारत की सबसे बड़ी वाइन उत्पादकों में से एक है. सामंत को देश समेत दुनिया में लोग वाइन किंग के नाम से भी जानते हैं.