कैफेटेरिया में बर्तन धोने वाला ये शख्‍स बना ‘डोसा किंग’, देश-विदेश में रेस्‍टोरेंट खोल बनाया 300 करोड़ का बिजनेस

13 साल की उम्र में घर छोड़कर मुंबई आने वाले जयराम बानन ने जीवन में काफी संघर्ष किया. बाद में 1986 में उन्‍होंने दिल्‍ली में खुद का पहला रेस्‍टोरेंट खोला, जिसे उन्‍होंने सागर रत्‍ना नाम दिया.

सागर रत्‍ना के फाउंडर जयराम बानन की सफलता की कहानी

Success Story: कहते हैं जिंदगी भी उसी के इम्तिहान लेती है जिसमें कुछ करने का दम होता है. तभी तो कर्नाटक के उडुपी में जन्‍में जयराम बानन महज 13 साल की उम्र में घर से भागकर मुंबई आ गए थे. नए शहर में गुजारा करने के लिए उन्‍होंने एक कैफेटेरिया में बर्तन धोने का काम किया, जिसके बदले उन्‍हें 18 रुपए मिलते थे. यहीं से उनके मन में खुद का बिजनेस शुरू करने का ख्‍याल आया, लेकिन ज्‍यादा सैलरी न होने और जीवन की चुनौतियों के चलते उन्‍हें ये मौका नहीं मिल पाया. वे लंबे समय तक नौकरी करते रहें. उम्र के कई दशक बीत जाने के बाद 1986 में उन्‍होंने दिल्‍ली में खुद का पहला रेस्‍टोरेंट खोला, जिसे उन्‍होंने सागर रत्‍ना नाम दिया. सााउथ इंडियन खाने के लिए फेमस इस मशहूर रेस्‍टोरेंट की आज देश-विदेश में कई ब्रांचेज हैं.

परीक्षा में फेल होने के डर से छोड़ा घर

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जयराम बानन बचपन में स्‍कूल परीक्षा में फेल हो गए थे. इस बात से वे डर गए थे. उनमें परिवार का सामना करने की हिम्‍मत नहीं थी. लिहाजा वे महज 13 साल की उम्र में ही घर छोड़कर जाने का फैसला कर लिया. मुंबई जाने के लिए उन्‍होंने अपने पिता की जेब से थोड़े पैसे उधार लिए और वहां से रवाना हो गए. परदेस जाते ही जयराम के लिए सफर आसान नहीं था. उन्‍होंने सबसे पहले एक कैफेटेरिया में बर्तन धोने का काम किया. गुजर-बसर के लिए वे ऐसे ही काफी समय तक संघर्ष करते रहें.

64 साल में मिला प्रमोशन

64 साल की उम्र में जयराम को प्रमोशन मिला और वे रेस्‍टोरेंट के मैनेजर बन गए. अब हर महीने उन्‍हें 200 रुपए सैलरी मिलती थी. मगर 1974 में वे दिल्ली चले गए और 1986 में उन्‍होंने अपने बचपन का सपना पूरा किया. उन्‍होंने खुद का रेस्टोरेंट सागर रत्ना खोला. चूंकि वह खाना बनाने में माहिर थे इसलिए उन्‍होंने अपनी पाक कला का जादू अपने रेस्‍टोरेंट में परोसी जाने वाली डिशेज में भी चलाया. उनके खाने का टेस्‍ट लोगों को पसंद आने लगा, धीरे-धीरे उनका कारोबार चलने लगा.

‘किंग ऑफ द नॉर्थ’ के नाम से मशहूर

जयराम ने अपना पहला रेस्‍टोरेंट दिल्ली के लोधी मार्केट में खोला. उन्‍होंने ग्राहकों का एक बेस बनाया. उनकी साउथ इंडियन डिशेज लोगों को खूब पसंद आई. देखते ही देखते उनकी दुकान काफी फेमस हो गई. उन्‍होंने एक के बाद एक कई आउटलेट खोलें. उन्‍हें लोगों ने “डोसा किंग ऑफ़ द नॉर्थ” का खिताब भी दिया.

ऐसे बनाया 300 करोड़ का बिजनेस

जयराम बानन ने देश के अलावा कनाडा, सिंगापुर और बैंकॉक में आउटलेट खोलकर अपने रेस्टोरेंट के बिजनेस का विस्‍तार किया. दुनिया भर में लगभग उनके 100 रेस्‍टोरेंट हैं. उन्‍होंने अपने दम पर पूरा बिजनेस खड़ा किया है. वर्तमान में सागर रत्‍ना एक प्रतिष्ठित रेस्‍टोरेंट में से एक है. इस कंपनी का सालाना कारोबार लगभग 300 करोड़ रुपए से ज्‍यादा है.