इस योजना के तहत 125 स्टार्टअप को 40 लाख रुपये देगी सरकार, जाने आप कैसे उठा सकते है लाभ
केंद्र सरकार समृद्ध योजना के तहत 125 स्टार्टअप्स का चयन किया है. इस योजना के तहत आर्थिक मदद और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना मंत्रालय के द्वारा 40 लाख रुपये तक का आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं.
भारत सरकार लगातार अलग-अलग के जरिए लोगों की मदद करने कि कोशिश में जुटी है. ऐसे में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए चौतरफा मदद कर रही है. केंद्र सरकार समृद्ध योजना के तहत 125 स्टार्टअप्स का चयन किया है. उन्हें संभावित एक्सेलेरेटर के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी. साथ ही आर्थिक मदद और मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा. ऐसे में उन स्टार्टअप के लिए अच्छा मौका है जो पैसे की कमी के कारण जूझ रहे है.
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना मंत्रालय (एमईआईटीवाई) राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर उत्पाद नीति (एनपीएसपी) 2019 के तहत भारत के सॉफ्टवेयर उद्योग के विकास के लिए कोशिश कर रही है. स्टार्टअप सहित भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से सहयोग दिया जा रहा है. समृद्ध योजना को अगस्त 2021 में शुरू किया गया था. चार सालों के दौरान 99 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 300 सॉफ्टवेयर स्टार्टअप को सहायता प्रदान करना है.
40 लाख तक मिल सकता है आर्थिक मदद
समृद्ध का उद्देश्य पूरे भारत में इस योजना के जरिए निवेशकों से जुड़ने और स्टार्टअप्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय संभावनाएं जैसी सेवाएं प्रदान करना हैं. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना मंत्रालय के द्वारा 40 लाख रुपये तक का आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं. इस योजना को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्टार्टअप हब (एमएसएच) और डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) द्वारा संभाला जा रहा है.
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस कृष्णन ने इस योजना के दूसरे समृद्ध समूह का शुभारंभ 4 सितंबर, 2024 को किया. यह भारत सरकार के 100 दिवसीय एजेंडे का एक हिस्सा है, जिसके तहत संभावित एक्सेलरेटर के माध्यम से 125 स्टार्टअप का चयन और सहयोग किया जाएगा, ताकि 300 स्टार्टअप को विकसित करने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके.
इन राज्यों से चुने गए
समृद्ध योजना के पहले समूह में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के माध्यम से 12 राज्यों से 22 एक्सेलरेटर चुने गए. इनकी सूची में सरकार से सहायता प्राप्त संगठन, शैक्षणिक संस्थान, निजी क्षेत्र और प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप वित्तपोषण प्लेटफॉर्म शामिल हैं. इसके बाद ये एक्सेलरेटर बहु-स्तरीय स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से स्वास्थ्य-तकनीकी, शिक्षा-तकनीक, कृषि-तकनीक, उपभोक्ता-तकनीकी, वित्तीय-तकनीक, सॉफ्टवेयर सर्विस (सास) और स्थिरता के केंद्रित क्षेत्रों में से चुने जाते हैं. प्रत्येक में 5-10 स्टार्टअप का चयन किया जाता है. अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो इस लिंक के जरिए खुद को रजिट्रेशन कर सकते है. लिंक