पिता थे किसान, अब 2000 लोगों को देते हैं रोजगार; जरूरतमंदों में पिछले साल बांटे 6 करोड़
किसान के परिवार में जन्में इस शख्स ने हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट सेक्टर में नई पहचान बना ली है. इनकी कंपनी दक्षिण भारत के बड़े डेवलपर प्रेस्टीज ग्रुप के साथ काम कर रही है. इनका ग्रुप प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 2000 लोगों को रोजगार दे रहा है. कभी इन्होंने 50000 रुपये के लोन से अपना पहला बिजनेस शुरू किया था.
मेहनत और लगन हो तब कुछ भी पाना असंभव नहीं होता. इस कथन को सच कर दिखाया है एक किसान के बेटे डॉ. के. प्रकाश शेट्टी ने. कर्नाटक के उडुपी के एक छोटे से गांव में जन्में इस शख्सियत ने अपने संघर्ष के जरिये सफलता की एक नई कहानी लिखी है. आज इनका कारोबार 2000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है. कोरोना काल के समय से ये जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं. आइए, इनकी सक्सेस स्टोरी जानते हैं.
50000 रुपये के लोन से शुरू किया प्रिंटिंग प्रेस
उडुपी के कोरंगरापाडी में जन्में डॉ. के. प्रकाश शेट्टी ने अपनी शुरुआती शिक्षा स्थानीय स्तर पर की. उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने उडुपी के पुर्णा पंजा कॉलेज में BBM में दाखिला लिया. BBM कंप्लीट करने के बाद वह नौकरी करने बेंगलुरु आ गए. हालांकि, उनके मन में कुछ और ही चल रहा था. वह अपना कारोबार शुरू करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी. फिर 50,000 रुपये का कर्ज लिया और अपना प्रिंटिंग प्रेस शुरू किया. यहीं से उनके कारोबारी सफर की शुरुआत हुई.
1993 में बनाया MRG Group
डायवर्सिफायड हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट क्षेत्र के MRG Group की स्थापना डॉ. के. प्रकाश शेट्टी ने 1993 में की. एमआरजी नाम के संदर्भ में शेट्टी ने बताया कि एम उनके पिता माधव से लिया गया है, आर उनकी मां के नाम रत्ना से और जी उनके पुत्र गौरव के पहले अक्षर से लिया गया है. अब उनकी असली उड़ान शुरू हो चुकी थी. 1993 में ही उन्होंने फाइन-डाइन रेस्टोरेंट बंजारा की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने गोल्डफिंच होटल ब्रांड की भी शुरुआत की. गोल्ड फिंच होटल का कारोबार कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र, गोवा से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक फैला हुआ है.
बंजारा रेस्टोरेंट की चर्चा लग्जरी रेस्टोरेंट में होने लगी थी. 1997 में कर्नाटक में चौथे नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ जिसके कैटरर के तौर पर बंजारा को चुना गया. मणिपुर में 1999 में आयोजित हुए 5वें नेशनल गेम्स के लिए भी बंजारा रेस्टोरेंट को ही ऑफिशियल कैटरर की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद बंजारा रेस्टोरेंट को एक नई पहचान मिली.
रियल एस्टेट में भी रहे सफल
रियल एस्टेट सेक्टर में तब तेजी का समय था. एमआरजी ग्रुप ने बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट में अहिका अपार्टमेंट बनाकर प्रॉपर्टी की दुनिया में कदम रखा. कुछ ही समय में यह लग्जरी प्रॉपर्टी के नाम से विख्यात हो गया. एमआरजी ग्रुप वर्तमान में कई जाने-माने डेवलपर्स जैसे प्रेस्टीज ग्रुप के साथ मिल कर रियल एस्टेट सेक्टर में बिजनेस कर रहा है. इसके प्रोजेक्ट कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी हैं. शेट्टी ने बताया कि एमआरजी ग्रुप के पास 1,000 से एकड़ से बड़ा लैंड बैंक है.
मेंगलोर में एमआरजी ग्रुप 104 एकड़ में इंटीग्रेटेड टाउनशिप बसाने जा रही है. इसका नाम गोल्डफिंच सिटी है. शेट्टी ने बताया इस परिसर में अपार्टमेंट्स के साथ ही स्कूल, हाइपर मार्केट, मॉल, होटल, अस्पताल के अलावा बैंक्वेट हॉल भी होंगे.
जरूरतमंदों की करते हैं मदद
डॉ. के. प्रकाश शेट्टी ने कारोबारी सफलता के बाद जरूरतमंदों की सहायता करने का बीड़ा भी उठाया है. कोरोना के समय से वह लोगों की मदद करते आ रहे हैं. एमआरजी ग्रुप आशा प्रकाश शेट्टी सहायता अभियान नेरवु चलाता है. पिछले साल 25 दिसंबर को इस ग्रुप ने 3000 से अधिक जरूरतमंद परिवारों को 6 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि दी.