कभी रेलवे स्टेशन पर सोकर गुजारी थी रात, आज हैं 104 करोड़ की कंपनी की मालकिन
रुबंस एसेसरीज की फाउंडर चीनू काला की शुरुआती जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन 2004 में उनकी शादी के बाद उनकी जिंदगी बदल गई, उन्होंने अपने बिजनेस विजन को एक नए मुकाम पर पहुंचाया.
Success Story: मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती, ये वाक्या रूबंस एक्सेसरीज की निदेशक चीनू काला पर बिल्कुल सटीक बैठती है. कभी घर के मुश्किल हालातों के चलते चीनू को महज 15 साल की उम्र में अपना घर छोड़ना पड़ा था. वह महज एक कपड़े का बैग और 300 रुपए लेकर घर से निकली थीं. उन्हें मुंबई के रेलवे स्टेशन पर दो रातें गुजारनी पड़ी थी, लेकिन चीनू ने हार नहीं मानी और सेल्सगर्ल का काम करने लगीं. रोजाना 20 रुपए कमा कर वह किसी तरह अपना गुजारा करतीं. इस बीच उन्होंने कई काम किए, लेकिन उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव 2004 से आया. उस दौरान उन्हें एक टेलीमार्केटिंग कंपनी में नौकरी मिल गई. वहां उनकी मुलाकात उनके पति से हुई जिन्होंने उनके सपनों की उड़ान को भरने में उनकी मदद की.
कैसा रहा शुरूआती सफर?
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीनू ने घर छोड़ने के बाद मुंबई में आकर पहले सेल्सगर्ल की नौकरी की. बाद में उन्होंने वेट्रेस से लेकर रिसेप्शनिस्ट तक का काम किया. इसके बाद उन्होंने कोस्टर सेट और कटलरी बेचने का भी काम किया. इसके बाद वह एक कपड़ों की दुकान में नौकरी करने पहुंची. इस दौरान उन्होंने कस्टमर से कैसे बर्ताव करते हैं, उन्हें कैसी सर्विस दी जाती है समेत बिजनेस की कई दूसरी बारीकियां समझीं.
पति ने दिया साथ
चीनू ने कपड़े की दुकान में नौकरी छोड़ने के बाद मुंबई में टाटा कम्युनिकेशंस में टेलीमार्केटिंग एग्जीक्यूटिव की नौकरी की. वहां उनकी मुलाकात अपने होने वाले पति अमित काला से हुई. चीनू की अमित से साल 2004 में शादी हुई. अमित खुद एमबीए कर चुके थे इसलिए उन्हें बिजनेस की समझ थी. उन्होंने चीनू में भी वहीं झलक देखी. उन्होंने चीनू की प्रतिभाओं को निखारा और उन्हें करियर में आगे बढ़ने में मदद की.
मॉडलिंग में रखा कदम
नौकरी के बाद पति के सपोर्ट से चीनू मॉडलिंग में चली गईं. शादी के बाद वह बेंगलुरु चली गई थीं. उन्होंने मिसेज इंडिया पेजेंट में टॉप10 में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की थी. मॉडलिंग के प्रति उनके जुनून ने उन्हें 2008 ग्लैडरैग्स मिसेज इंडिया पेजेंट की सुर्खियों में ला दिया. मॉडलिंग में कदम रखने के दौरान ही चीनू को अपने बिजनेस टैलेंट का पता चला. तभी उन्होंने फैशन इंडस्ट्री में कदम रखने का मन बनाया.
मामूली-सी दुकान से की थी बिजनेस की शुरुआत
ग्लैडरैग्स में अपनी सफलता के बाद चीनू ने भारतीय आभूषण बाजार में दाखिल होने का सोचा. 2014 में उन्होंने कॉरपोरेट मर्चेंडाइजिंग से अलग होकर खुद की कंपनी खोलने का फैसला किया. चीनू ने 3 लाख रुपए की अपनी जमापूंजी से रूबंस एक्सेसरीज नाम से कंपनी खोली. उन्होंने बेंगलुरु के एक मॉल में 36 वर्ग फुट की एक मामूली दुकान से इसकी शुरुआत की. एक साल से भी कम समय में उनकी कंपनी ने भारत भर के कई शहरों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. रुबंस एक्सेसरीज ने बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चि में स्थित पांच आउटलेट्स खोलें, लेकिन कोविड महामारी के दौरान उनके बिजनेस को नुकसान हुआ. तब चीनू ने अपने कारोबार को ऑनलाइन शिफ्ट करने का मन बनाया, यहां से उनकी और तरक्की हुई. अब तक उनकी कंपनी करीब 104 करोड़ का बिजनेस बनाने में कामयाब रही.