कहां चूक गई Unacademy, बिकने की आ गई नौबत; औने-पौने लग रहे हैं दाम

अनअकेडमी की कहानी में कोरोना महामारी का बड़ा रोल है. महामारी ने इस कंपनी को उठाया और महामारी के बाद ये कंपनी पटरी से उतर रही है. यहां जानें Unacademy के साथ ऐसा क्या हो रहा है कि इसके बिकने की खबरें चल रही हैं? क्या है अनअकेडमी की कहानी?

Unacademy की अर्श से फर्श तक की कहानी Image Credit: Freepik

Unacademy on Sale?: भारत में Byju’s जैसे संकट के बादल फिर मंडाराते हुए दिख रहे हैं. एक और कंपनी अगली Byju’s बनने की कगार पर दिख रही है. यहां बात ऑनलाइन लर्निंग ऐप Unacademy को लेकर हो रही है. यूट्यूब के फेमस टीचर्स को अपने प्लेटफॉर्म्स पर लाकर फेमस हुई Unacademy को अब बेचने की खबरें चलने लगी हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार Allen Career Institute इसे खरीद सकता है. ये डील 80 करोड़ डॉलर की हो सकती है लेकिन एक समय पर इसकी वैल्यूएशन 3.44 अरब डॉलर थी. तो फिर ऐसा क्या हुआ कि अरबों डॉलर की कंपनी को अब बेचने की नौबत आ गई? क्या है Unacademy के अर्श से फर्श तक आने की कहानी? कैसे शुरू हुई और किसने शुरू की? चलिए जानते हैं Unacademy के बारे में सब कुछ.

Unacademy की वैल्यूएशन में 75% की गिरावट?

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख ऑफलाइन टेस्ट प्रिपरेशन सेंटर Allen Career Institute, Unacademy को खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है. यह डील लगभग 80 करोड़ डॉलर में हो सकती है, हालांकि 2021 में Unacademy की वैल्यूएशन 3.44 अरब डॉलर है यानी 75 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. तब 2021 में, Unacademy ने 44 करोड़ की फंडिंग जुटाई थी. रिपोर्ट के अनुसार Allen के प्रमोटर महेश्वरी परिवार अभी तक डील की शर्तों पर सहमत नहीं हुए हैं. यह बातचीत कई महीनों से चल रही है.  

कैसे शुरू हुई Unacademy?  

Unacademy कंपनी के अस्तित्व की नींव YouTube पर छिपी मिलेगी. दरअसल 2010 में गौरव मुंजाल ने Unacademy नाम से एक YouTube चैनल की शुरुआत की थी. अपने फ्री समय में गौरव प्रोग्रामिंग से जुड़े वीडियोज बनाते थे. यह चैनल शुरुआती चार सालों तक टेक्निकल सब्जेक्ट पर बात करता रहा. फिर 2015 में, गौरव ने रोमन सैनी से मुलाकात की. रौमन सैनी AIIMS और UPSC जैसी कॉम्पिटिटिव एग्जाम पास कर चुके थे.  

गौरव ने रोमन को अपनी टीम में शामिल किया और दोनों ने ऑनलाइन एजुकेशन के सेक्टर में अपने कदम आगे बढ़ाए. दोनों ने भांप लिया था कि लोगों में कॉम्पिटिटिव एग्जाम का काफी क्रेज है. इसके बाद 2015 में Unacademy एक टेस्ट प्रिपरेशन प्लेटफॉर्म के रूप में लॉन्च हो गई. हिमेश सिंह भी फाउंडिंग मेंबर रहे.

फोटो सोर्स: Unacademy/Canva

महामारी में भरी उड़ान 

महामारी भले ही कई बिजनेस के लिए अस्तित्व का संकट साबित हुई हो लेकिन Unacademy में महामारी ने ही जान डाली थी. लॉन्च होने के कई साल बाद Unacademy ने धीरे-धीरे एक टेक स्टार्टअप की स्ट्रेटेजी अपनाई, यानी बड़ा निवेश कर नए यूजर्स को जोड़ना. कंपनी ने अपने प्लेटफॉर्म पर लोकप्रिय टीचर्स को जोड़ा शुरू किया, उन्हें मोटी फीस दी और ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर्स के साथ साझेदारी की. कंपनी को इसका फायदा भी हुआ, साल 2020 में Unacademy का रेवेन्यू 60 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.

महामारी के दौरान ऑनलाइन एजुकेशन की मांग तेजी बढ़ी, और Unacademy को इसी का सबसे ज्यादा फायदा हुआ. में 2021 में इसका रेवेन्यू 400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और साल 2022 में ये 750 करोड़ रुपये के पार निकल गया.  

Unacademy यहीं नहीं रुकी, महामारी के दौरान इसने कम से कम 12 कंपनियों को खरीदा और कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए. जैसे:

हालांकि जिन कंपनियों को Unacademy ने खरीदा था उनमें से ज्यादातर कंपनियों से फायदा नहीं मिला. RheoTV और Swiflearn जैसे प्रोजेक्ट्स को तो बंद करना पड़ा. बस यहीं से जैसे Unacademy की उल्टी गिनती शुरू होने लग गई थी.  

पोस्ट कोविड: Unacademy को कौन सी गलती पड़ गई भारी

महामारी के बाद जब इकोनॉमी रिवाइव करने लगी, बिजनेस फिर ट्रैक पर आने लगे तभी से Unacademy पटरी से उतरने लग गई थी. कोविड में बच्चों ने खूब ऑनलाइन पढ़ाई की, Unacademy ने शायद इन्हीं बच्चों को अपना परमानेंट ग्राहक समझने में भूल कर दी. कोविड के बाद जैसे ही स्कूल और ऑफलाइन कोचिंग सेंटर फिर से खुलने लगे, तो ऑनलाइन पढ़ाई की मांग में भारी गिरावट आई. तब Unacademy को असलियत समझ आने लगी, उन्हें ये भी जानने का मौका मिला कि बच्चे एग्जाम के दौरान तो Unacademy पर आते थे लेकिन एग्जाम खत्म होते ही रिटेन नहीं होते थे.

साल 2023 से कंपनी का रेवेन्यू गिरने लगा. कर्मचारियों की छंटनी का दौर शुरू हो गया. कर्मचारियों की संख्या 6,000 से घटाकर 3,000 करनी पड़ी. अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म Relevel अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सका और यहां से कंपनी ने 40 कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी और Relevel को 2023 में बंद करना पड़ा.

PrepLadder, जिसमें Unacademy ने सबसे ज्यादा पैसा लगाया ये विवादों में फंस गई थी. PrepLadder के टीचर्स ने Unacademy पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया और कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया. इसके अलावा, Unacademy को इसके ऑफलाइन वेंचर PrepLadder Neuros को भी रोकना पड़ा.  
 
गौरव मुंजाल ने मानी गलती: मनीकंट्रोल को अप्रैल 2023 में दिए गए एक इंटरव्यू में गौरव मुंजाल ने कहा थी कि,”कोविड के दौरान हमने बहुत ज्यादा मार्केटिंग की, जो काफी हद तक बेकार साबित हुई. जब हमने इसे बंद किया, तो हमारा बेसलाइन रेवन्यू गिर गया. हमने ऑनलाइन से आने वाली ग्रोथ का अनुमान ज्यादा लगा लिया था.”  

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Unacademy: फाइनेंशियल स्थिति

Unacademy ने वित्त वर्ष 2024 में अपने नेट लॉस को 62% घटाकर 628 करोड़ कर लिया, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह घाटा 2,848 करोड़ रुपये था. FY24 में EBITDA घाटा 489 करोड़ था, जो FY23 में 1,553 करोड़ था. कंपनी ने कई खर्चों में कटौती की, लेकिन इसका रेवेन्यू अभी भी गिरावट का सामना कर रहा है और अनिश्चितता बरकरार है.

Unacademy को केवल फंडिंग और बिजनेस को विस्तार करने से फायदा नहीं हुआ. अब Allen Career Institute के साथ अगर Unacademy की डील होती है, तो Unacademy को शायद नई दिशा मिल सकती है. अब देखना होगा कि क्या ये डील Unacademy की किस्मत बदलेगी या ये Byju’s की तरह एडटेक सेक्टर की एक और असफल कहानी बनकर रह जाएगी.